Psalms 63

in terra invia et conficiente ac sine aqua sic in sancto apparui tibi ut videam fortitudinem tuam et gloriam tuam
हे परमेश्वर, तू मेरा परमेश्वर है। वैसे कितना मैं तुझको चाहता हूँ। जैसे उस प्यासी क्षीण धरती जिस पर जल न हो वैसे मेरी देह और मन तेरे लिए प्यासा है।
melior est enim misericordia tua quam vitae labia mea laudabunt te
हाँ, तेरे मन्दिर में मैंने तेरे दर्शन किये। तेरी शक्ति और तेरी महिमा देख ली है।
sic benedicam tibi in vita mea in nomine tuo levabo manus meas
तेरी भक्ति जीवन से बढ़कर उत्तम है। मेरे होंठ तेरी बढाई करते हैं।
quasi adipe et pinguidine implebitur anima mea et labiis laudantibus canet os meum
हाँ, मैं निज जीवन में तेरे गुण गाऊँगा। मैं हाथ उपर उठाकर तेरे नाम पर तेरी प्रार्थना करूँगा।
recordans tui in cubili meo per singulas vigilias meditabor tibi
मैं तृप्त होऊँगा मानों मैंने उत्तम पदार्थ खा लिए हों। मेरे होंठ तेरे गुण सदैव गायेंगे।
quia fuisti auxilium meum in umbra alarum tuarum laudabo
मैं आधी रात में बिस्तर पर लेटा हुआ तुझको याद करूँगा।
adhesit anima mea post te me suscepit dextera tua
सचमुच तूने मेरी सहायता की है! मैं प्रसन्न हूँ कि तूने मुझको बचाया है!
ipsi vero interficere quaerunt animam meam ingrediantur in extrema terrae
मेरा मन तुझमें समता है। तू मेरा हाथ थामे हुए रहता है।
congregentur in manus gladii pars vulpium erunt
कुछ लोग मुझे मारने का जतन कर रहे हैं। किन्तु उनको नष्ट कर दिया जायेगा। वे अपनी कब्रों में समा जायेंगे।
rex autem laetabitur in Deo laudabitur omnis qui iurat in eo quia obstruetur os loquentium mendacium
उनको तलवारों से मार दिया जायेगा। उनके शवों को जंगली कुत्ते खायेंगे।
victori canticum David audi Deus vocem meam loquentis a timore inimici serva vitam meam
किन्तु राजा तो अपने परमेश्वर के साथ प्रसन्न होगा। वे लोग जो उसके आज्ञा मानने के वचन बद्ध हैं, उसकी स्तुति करेंगे। क्योंकि उसने सभी झूठों को पराजित किया।