Exodus 20

locutus quoque est Dominus cunctos sermones hos
तब परमेश्वर ने ये बातें कहीं,
ego sum Dominus Deus tuus qui eduxi te de terra Aegypti de domo servitutis
“मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ। मैं तुम्हें मिस्र देश से बाहर लाया। मैंने तुम्हें दासता से मुक्त किया। इसलिए तुम्हें निश्चय ही इन आदेशों का पालन करना चाहिए।
non habebis deos alienos coram me
“तुम्हे मेरे अतिरिक्त किसी अन्य देवता को, नहीं मानना चाहिए।
non facies tibi sculptile neque omnem similitudinem quae est in caelo desuper et quae in terra deorsum nec eorum quae sunt in aquis sub terra
“तुम्हें कोई भी मूर्ति नहीं बनानी चाहिए। किसी भी उस चीज़ की आकृति मत बनाओ जो ऊपर आकाश में या नीचे धरती पर अथवा धरती के नीचे पानी में हो।
non adorabis ea neque coles ego sum Dominus Deus tuus fortis zelotes visitans iniquitatem patrum in filiis in tertiam et quartam generationem eorum qui oderunt me
किसी भी प्रकार की मूर्ति की पूजा मत करो, उसके आगे मत झुको। क्यों? क्योंकि मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ। मेरे लोग जो दूसरे देवताओं की पूजा करते हैं मैं उनसे घृणा करता हूँ। यदि कोई व्यक्ति मेरे विरुद्ध पाप करता है तो मैं उसका शत्रु हो जाता हूँ। मैं उस व्यक्ति की सन्तानों की तीसरी और चौथी पीढ़ी तक को दण्ड दूँगा।
et faciens misericordiam in milia his qui diligunt me et custodiunt praecepta mea
किन्तु मैं उन व्यक्तियों पर बहुत कृपालू रहूँगा जो मुझसे प्रेम करेंगे और मेरे आदेशों को मानेंगे। मैं उनके परिवारों के प्रति सहस्रों पीढ़ी तक कृपालु रहूँगा।
non adsumes nomen Domini Dei tui in vanum nec enim habebit insontem Dominus eum qui adsumpserit nomen Domini Dei sui frustra
“तुम्हारे परमेश्वर यहोवा के नाम का उपयोग तुम्हें गलत ढंग से नहीं करना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति यहोवा के नाम का उपयोग गलत ढंग से करता है तो वह अपराधी है और यहोवा उसे निरपराध नहीं मानेगा।
memento ut diem sabbati sanctifices
“सब्त को एक विशेष दिन के रूप में मानने का ध्यान रखना।
sex diebus operaberis et facies omnia opera tua
सप्ताह में तुम छः दिन अपना कार्य कर सकते हो।
septimo autem die sabbati Domini Dei tui non facies omne opus tu et filius tuus et filia tua servus tuus et ancilla tua iumentum tuum et advena qui est intra portas tuas
किन्तु सातवाँ दिन तुम्हारे परमेश्वर यहोवा की प्रतिष्ठा में आराम का दिन है। इसलिए उस दिन कोई व्यक्ति चाहे तुम, या तुम्हारे पुत्र और पुत्रियाँ, तुम्हारे दास और दासियाँ, पशु तथा तुम्हारे नगर में रहने वाले सभी विदेशी काम नहीं करेंगे।”
sex enim diebus fecit Dominus caelum et terram et mare et omnia quae in eis sunt et requievit in die septimo idcirco benedixit Dominus diei sabbati et sanctificavit eum
क्यों? क्योंकि यहोवा ने छ: दिन काम किया और आकाश, धरती, सागर और उनकी हर चीज़ें बनाईं। और सातवें दिन परमेश्वर ने आराम किया। इस प्रकार यहोवा ने शनिवार को वरदान दिया कि उसे आराम के पवित्र दिन के रूप में मनाया जाएगा। यहोवा ने उसे बहुत ही विशेष दिन के रूप में स्थापित किया।
honora patrem tuum et matrem tuam ut sis longevus super terram quam Dominus Deus tuus dabit tibi
“अपने माता और अपने पिता का आदर करो। यह इसलिए करो कि तुम्हारे परमेश्वर यहोवा जिस धरती को तुम्हें दे रहा है, उसमें तुम दीर्घ जीवन बिता सको”
non occides
“तुम्हें किसी व्यक्ति की हत्या नहीं करनी चाहिए”
non moechaberis
“तुम्हें व्यभिचार नहीं करना चाहिए”
non furtum facies
“तुम्हें चोरी नहीं करनी चाहिए”
non loqueris contra proximum tuum falsum testimonium
“तुम्हें अपने पड़ोसियों के विरुद्ध झूठी गवाही नहीं देनी चाहिए।”
non concupisces domum proximi tui nec desiderabis uxorem eius non servum non ancillam non bovem non asinum nec omnia quae illius sunt
“दूसरे लोगों की चीज़ों को लेने की इच्छा तुम्हें नहीं करनी चाहिए। तुम्हें अपने पड़ोसी का घर, उसकी पत्नी, उसके सेवक और सेविकाओं, उसकी गायों, उसके गधों को लेने की इच्छा नहीं करनी चाहिए। तुम्हें किसी की भी चीज़ को लेने की इच्छा नहीं करनी चाहिए।”
cunctus autem populus videbat voces et lampadas et sonitum bucinae montemque fumantem et perterriti ac pavore concussi steterunt procul
घाटी में लोगों ने इस पूरे समय गर्जन सुनी और पर्वत पर बिजली की चमक देखी। उन्होंने तुरही की ध्वनि सुनी और पर्वत से उठते धूएँ को देखा। लोग डरे और भय से काँप उठे। वे पर्वत से दूर खड़े रहे और देखते रहे।
dicentes Mosi loquere tu nobis et audiemus non loquatur nobis Dominus ne forte moriamur
तब लोगों ने मूसा से कहा, “यदि तुम हम लोगों से कुछ कहना चाहोगे तो हम लोग सुनेंगे। किन्तु परमेश्वर को हम लोगों से बात न करने दो। यदि यह होगा तो हम लोग मर जाएंगे।”
et ait Moses ad populum nolite timere ut enim probaret vos venit Deus et ut terror illius esset in vobis et non peccaretis
तब मूसा ने लोगों से कहा, “डरो मत! यहोवा यह प्रमाणित करने आया है कि वह तुमसे प्रेम करता है।”
stetitque populus de longe Moses autem accessit ad caliginem in qua erat Deus
लोग उस समय उठकर पर्वत से दूर चले आए जबकि मूसा उस गहरे बादल में गया जहाँ यहोवा था।
dixit praeterea Dominus ad Mosen haec dices filiis Israhel vos vidistis quod de caelo locutus sum vobis
तब यहोवा ने मूसा से इस्राएलियों को बताने के लिए ये बातें कहीं: “तुम लोगों ने देखा कि मैंने तुमसे आकाश से बातें की।
non facietis mecum deos argenteos nec deos aureos facietis vobis
इसलिए तुम लोग मेरे विरोध में सोने या चाँदी की मूर्तियाँ न बनाना। तुम्हें इन झूठे देवताओं की मूर्तियाँ कदापि नहीं बनानी हैं।”
altare de terra facietis mihi et offeretis super eo holocausta et pacifica vestra oves vestras et boves in omni loco in quo memoria fuerit nominis mei veniam ad te et benedicam tibi
“मेरे लिए एक विशेष वेदी बनाओ। इस वेदी को बनाने के लिए धूलि का उपयोग करो। इस वेदी पर बलि के रूप में होमबलि तथा मेलबलि चढ़ाओ। इस काम के लिए अपनी भेड़ों और गाय, बकरियों का उपयोग करो। उन सभी स्थानों पर यही करो जहाँ मैं अपने को याद करने के लिए कह रहा हूँ। तब मैं आऊँगा और तुम्हें आशीर्वाद दूँगा।
quod si altare lapideum feceris mihi non aedificabis illud de sectis lapidibus si enim levaveris cultrum tuum super eo polluetur
यदि तुम लोग वेदी को बनाने के लिए चट्टानों का उपयोग करो तो तुम लोग उन चट्टानों का उपयोग न करो जिन्हें तुम लोगों ने अपने किसी लोहे के औज़ारों से चिकना किया है। यदि तुम लोग चट्टानों पर किसी औज़ारो का उपयोग करोगे तो मैं वेदी को स्वीकार नहीं करूँगा।
non ascendes per gradus ad altare meum ne reveletur turpitudo tua
तुम लोग वेदी तक पहुँचाने वाली सीढ़ियाँ भी न बनाना। यदि सीढ़ियाँ होंगी तो जब लोग ऊपर वेदी को देखेंगे तो वे तुम्हारे वस्त्रों के भीतर नीचे से तुम्हारी नग्नता को भी देख सकेंगे।”