I Corinthians 6

audet aliquis vestrum habens negotium adversus alterum iudicari apud iniquos et non apud sanctos
क्या तुममें से कोई ऐसा है जो अपने साथी के साथ कोई झगड़ा होने पर परमेश्वर के पवित्र पुरुषों के पास न जा कर अधर्मी लोगों की अदालत में जाने का साहस करता हो?
an nescitis quoniam sancti de mundo iudicabunt et si in vobis iudicabitur mundus indigni estis qui de minimis iudicetis
अथवा क्या तुम नहीं जानते कि परमेश्वर के पवित्र पुरुष ही जगत का न्याय करेंगे? और जब तुम्हारे द्वारा सारे संसार का न्याय किया जाना है तो क्या अपनी इन छोटी-छोटी बातों का न्याय करने योग्य तुम नहीं हो?
nescitis quoniam angelos iudicabimus quanto magis saecularia
क्या तुम नहीं जानते कि हम स्वर्गदूतों का भी न्याय करेंगे? फिर इस जीवन की इन रोज़मर्राह की छोटी मोटी बातो का तो कहना ही क्या।
saecularia igitur iudicia si habueritis contemptibiles qui sunt in ecclesia illos constituite ad iudicandum
यदि हर दिन तुम्हारे बीच कोई न कोई विवाद रहता ही है तो क्या न्यायाधीश के रूप में तुम ऐसे व्यक्तियों की नियुक्ति करोगे जिनका कलीसिया में कोई स्थान नहीं है।
ad verecundiam vestram dico sic non est inter vos sapiens quisquam qui possit iudicare inter fratrem suum
यह मैं तुमसे इसलिए कह रहा हूँ कि तुम्हें कुछ लाज आये। क्या स्थिति इतनी बिगड़ चुकी है कि तुम्हारे बीच कोई ऐसा बुद्धिमान पुरुष है ही नहीं जो अपने मसीही भाइयों के आपसी झगड़े सुलझा सके?
sed frater cum fratre iudicio contendit et hoc apud infideles
क्या एक भाई कभी अपने दूसरे भाई से मुकदमा लड़ता है! और तुम तो अविश्वासियों के सामने ऐसा कर रहे हो।
iam quidem omnino delictum est in vobis quod iudicia habetis inter vos quare non magis iniuriam accipitis quare non magis fraudem patimini
वास्तव में तुम्हारी पराजय तो इसी में हो चुकी कि तुम्हारे बीच आपस में कानूनी मुकदमे हैं। इसके स्थान पर तुम आपस में अन्याय ही क्यों नहीं सह लेते? अपने आपको क्यों नहीं लुट जाने देते।
sed vos iniuriam facitis et fraudatis et hoc fratribus
तुम तो स्वयं अन्याय करते हो और अपने ही मसीही भाइयों को लूटते हो!
an nescitis quia iniqui regnum Dei non possidebunt nolite errare neque fornicarii neque idolis servientes neque adulteri
अथवा क्या तुम नहीं जानते कि बुरे लोग परमेश्वर के राज्य का उत्तराधिकार नहीं पायेंगे? अपने आप को मूर्ख मत बनाओ। यौनाचार करने वाले, मूर्ति पूजक, व्यभिचारी, गुदा-भंजन कराने वाले, लौंडेबाज़,
neque molles neque masculorum concubitores neque fures neque avari neque ebriosi neque maledici neque rapaces regnum Dei possidebunt
लुटेरे, लालची, पियक्कड़, चुगलखोर और ठग परमेश्वर के राज्य के उत्तराधिकारी नहीं होंगे।
et haec quidam fuistis sed abluti estis sed sanctificati estis sed iustificati estis in nomine Domini nostri Iesu Christi et in Spiritu Dei nostri
तुममें से कुछ ऐसे ही थे। किन्तु अब तुम्हें धोया गया और पवित्र कर दिया है। तुम्हें परमेश्वर की सेवा में अर्पित कर दिया गया है। प्रभु यीशु मसीह के नाम और हमारे परमेश्वर के आत्मा के द्वारा उन्हें धर्मी करार दिया जा चुका है।
omnia mihi licent sed non omnia expediunt omnia mihi licent sed ego sub nullius redigar potestate
“मैं कुछ भी करने को स्वतन्त्र हूँ।” किन्तु हर कोई बात हितकर नहीं होती। हाँ! “मैं सब कुछ करने को स्वतन्त्र हूँ।” किन्तु मैं अपने पर किसी को भी हावी नहीं होने दूँगा।
esca ventri et venter escis Deus autem et hunc et haec destruet corpus autem non fornicationi sed Domino et Dominus corpori
कहा जाता है, “भोजन पेट के लिये और पेट भोजन के लिये है।” किन्तु परमेश्वर इन दोनों को ही समाप्त कर देगा। और हमारे शरीर भी तो यौन-अनाचार के लिये नहीं हैं बल्कि प्रभु की सेवा के लिये हैं। और प्रभु हमारी देह के कल्याण के लिये है।
Deus vero et Dominum suscitavit et nos suscitabit per virtutem suam
परमेश्वर ने केवल प्रभु को ही पुनर्जीवित नहीं किया बल्कि अपनी शक्ति से वह मृत्यु से हम सब को भी जिला उठायेगा।
nescitis quoniam corpora vestra membra Christi sunt tollens ergo membra Christi faciam membra meretricis absit
क्या तुम नहीं जानते कि तुम्हारे शरीर स्वयं यीशु मसीह से जुड़े हैं? तो क्या मुझे उन्हें, जो मसीह के अंग हैं, किसी वेश्या के अंग बना देना चाहिये?
an nescitis quoniam qui adheret meretrici unum corpus efficitur erunt enim inquit duo in carne una
निश्चय ही नहीं। अथवा क्या तुम यह नहीं जानते, कि जो अपने आपको वेश्या से जोड़ता है, वह उसके साथ एक देह हो जाता है। शास्त्र में कहा गया है: “क्योंकि वे दोनों एक देह हो जायेंगे।” []
qui autem adheret Domino unus spiritus est
किन्तु वह जो अपनी लौ प्रभु से लगाता है, उसकी आत्मा में एकाकार हो जाता है।
fugite fornicationem omne peccatum quodcumque fecerit homo extra corpus est qui autem fornicatur in corpus suum peccat
यौनाचार से दूर रहो। दूसरे सभी पाप जिन्हें एक व्यक्ति करता है, उसके शरीर से बाहर होते हैं किन्तु ऐसा व्यक्ति जो व्यभिचार करता है वह तो अपने शरीर के ही विरुद्ध पाप करता है।
an nescitis quoniam membra vestra templum est Spiritus Sancti qui in vobis est quem habetis a Deo et non estis vestri
अथवा क्या तुम नहीं जानते कि तुम्हारे शरीर उस पवित्र आत्मा के मन्दिर हैं जिसे तुमने परमेश्वर से पाया है और जो तुम्हारे भीतर निवास करता है। और वह आत्मा तुम्हारा अपना नहीं है,
empti enim estis pretio magno glorificate et portate Deum in corpore vestro
क्योंकि परमेश्वर ने तुम्हें कीमत चुका कर खरीदा है। इसलिए अपने शरीरों के द्वारा परमेश्वर को महिमा प्रदान करो।