Psalms 82

परमेश्वर देवों की सभा के बीच विराजता है। उन देवों की सभा का परमेश्वर न्यायाधीश है।
canticum Asaph Deus stetit in coetu Dei in medio Deus iudicat
परमेश्वर कहता है, “कब तक तुम लोग अन्यायपूर्ण न्याय करोगे? कब तक तुम लोग दुराचारी लोगों को यूँ ही बिना दण्ड दिए छोड़ते रहोगे?”
usquequo iudicatis iniquitatem et facies impiorum suscipitis semper
अनाथों और दीन लोगों की रक्षा कर, जिन्हें उचित व्यवहार नहीं मिलता तू उनके अधिकारों कि रक्षा कर।
iudicate pauperi et pupillo egeno et inopi iuste facite
दीन और असहाय जन की रक्षा कर। दुष्टों के चंगुल से उनको बचा ले।
salvate inopem et pauperem de manu impiorum liberate
“इस्राएल के लोग नहीं जानते क्या कुछ घट रहा है। वे समझते नहीं! वे जानते नहीं वे क्या कर रहे हैं। उनका जगत उनके चारों ओर गिर रहा है।”
non cognoscunt nec intellegunt in tenebris ambulant movebuntur omnia fundamenta terrae
मैंने (परमेश्वर) कहा, “तुम लोग ईश्वर हो, तुम परम परमेश्वर के पुत्र हो।
ego dixi dii estis et filii Excelsi omnes vos
किन्तु तुम भी वैसे ही मर जाओगे जैसे निश्चय ही सब लोग मर जाते हैं। तुम वैसे मरोगे जैसे अन्य नेता मर जाते हैं।”
ergo quasi Adam moriemini et quasi unus de principibus cadetis
हे परमेश्वर, खड़ा हो! तू न्यायाधीश बन जा! हे परमेश्वर, तू सारे ही राष्ट्रों का नेता बन जा!
surge Domine iudica terram quoniam hereditabis omnes gentes