Psalms 64

हे परमेश्वर, मेरी सुन! मैं अपने शत्रुओं से भयभीत हूँ। मैं अपने जीवन के लिए डरा हुआ हूँ।
absconde me a consilio malignorum a tumultu operantium iniquitatem
तू मुझको मेरे शत्रुओं के गहरे षड़यन्त्रों से बचा ले। मुझको तू उन दुष्ट लोगों से छिपा ले।
qui exacuerunt quasi gladium linguam suam tetenderunt sagittam suam verbum amarissimum
मेरे विषय में उन्होंने बहुत बुरा झूठ बोला है। उनकी जीभे तेज तलवार सी और उनके कटुशब्द बाणों से हैं।
ut sagittarent in absconditis simplicem
वे छिप जाते हैं, और अपने बाणों का प्रहार सरल सच्चे जन पर फिर करते हैं। इसके पहले कि उसको पता चले, वह घायल हो जाता है।
subito sagittabunt eum et non timebunt confortaverunt sibi sermonem pessimum narraverunt ut absconderent laqueos dixerunt quis videbit nos
उसको हराने को बुरे काम करते हैं। वे झूठ बोलते और अपने जाल फैलाते हैं। और वे सुनिश्चित हैं कि उन्हें कोई नहीं पकड़ेगा।
scrutati sunt iniquitates defecerunt scrutantes scrutinio cogitationibus singulorum et corde profundo
लोग बहुत कुटिल हो सकते हैं। वे लोग क्या सोच रहे हैं इसका समझ पाना कठिन है।
sagittabit ergo eos Deus iaculo repentino inferentur plagae eorum
किन्तु परमेश्वर निज “बाण” मार सकता है! और इसके पहले कि उनको पता चले, वे दुष्ट लोग घायल हो जाते हैं।
et corruent in semet ipsos linguis suis fugient omnes qui viderint eos
दुष्ट जन दूसरों के साथ बुरा करने की योजना बनाते हैं। किन्तु परमेश्वर उनके कुचक्रों को चौपट कर सकता है। वह उन बुरी बातों कों स्वयं उनके ऊपर घटा देता है। फिर हर कोई जो उन्हें देखता अचरज से भरकर अपना सिर हिलाता है।
et timebunt omnes homines et adnuntiabunt opus Dei et opera eius intellegent
जो परमेश्वर ने किया है, लोग उन बातों को देखेंगे और वे उन बातों का वर्णन दूसरो से करेंगे, फिर तो हर कोई परमेश्वर के विषय में और अधिक जानेगा। वे उसका आदर करना और डरना सीखेंगे।
laetabitur iustus in Domino et sperabit in eo et exultabunt omnes recti corde
सज्जनों को चाहिए कि वे यहोवा में प्रसन्न हो। वे उस पर भरोसा रखे। अरे! ओ सज्जनों! तुम सभी यहोवा के गुण गाओ।
victori carmen David cantici tibi silens laus Deus in Sion et tibi reddetur votum