Micah 5

हे सुदृढ़ नगर, अब तू अपने सैनिकों को एकत्र कर। शत्रु आक्रमण करने को हमें घेर रहे हैं! वे इस्राएल के न्यायाधीश के मुख पर अपने सोटे से प्रहार करेंगे।
nunc vastaberis filia latronis obsidionem posuerunt super nos in virga percutient maxillam iudicis Israhel
हे बेतलेहेम एप्राता, तू यहूदा का छोटा नगर है और तेरा वंश गिनती में बहुत कम है। किन्तु पहले तुझसे ही “मेरे लिये इस्राएल का शासक आयेगा।” बहुत पहले सुदूर अतीत में उसके घराने की जड़े बहुत पहले से होंगी।
et tu Bethleem Ephrata parvulus es in milibus Iuda ex te mihi egredietur qui sit dominator in Israhel et egressus eius ab initio a diebus aeternitatis
यहोवा अपने लोगों को उनके शत्रुओं के हाथ में सौंप देगा। वे उस समय तक वही पर बने रहेंगे जब तक वह स्त्री अपने बच्चे को जन्म नहीं देती। फिर उसके बन्धु जो अब तक जीवित हैं, लौटकर आयेंगे। वे इस्राएल क लोगों के पास लौटकर आयेंगे।
propter hoc dabit eos usque ad tempus in quo parturiens pariet reliquiae fratrum eius convertentur ad filios Israhel
तब इस्राएल का शासक खड़ा होगा और भेड़ों के झुण्ड को चरायेगा। यहोवा की शक्ति से वह उनको राह दिखायेगा। वह यहोवा परमेश्वर के अदभुत नाम की शक्ति से उनको राहें दिखायेगा। वहाँ शान्ति होगी, क्योंकि ऐसे उस समय में उसकी महिमा धरती के छोरों तक पहुँच जायेगी।
et stabit et pascet in fortitudine Domini in sublimitate nominis Domini Dei sui et convertentur quia nunc magnificabitur usque ad terminos terrae
वहाँ शान्ति होगी, यदि अश्शूर की सेना हमारे देश में आयेगी और वह सेना हमारे विशाल भवन तोड़ेगी, तो इस्राएल का शासक सात गड़ेरिये चुनेगा। नहीं, हम आठ मुखियाओं को पायेंगे।
et erit iste pax Assyrius cum venerit in terram nostram et quando calcaverit in domibus nostris et suscitabimus super eum septem pastores et octo primates homines
वे अश्शूर के लोगों पर अपनी तलवारों से शासन करेंगे। नंगी तलवारों के साथ उन का राज्य निम्रोद की धरती पर रहेगा। फिर इस्राएल का शासक हमको अश्शूर के लोगों से बचायेगा। वे लोग जो हमारी धरती पर चढ़ आयेंगे और वे हमारी सीमाएँ रौंद डालेंगे।
et pascent terram Assur in gladio et terram Nemrod in lanceis eius et liberabit ab Assur cum venerit in terram nostram et cum calcaverit in finibus nostris
फिर बहुत से लोगों के बीच में याकूब के बचे हुए वंशज ओस के बूँद जैसे होंगे जो यहोवा की ओर से आई हो। वे घास के ऊपर वर्षा जैसे होंगे। वे लोगों पर निर्भर नहीं होंगे। वे किसी जन की प्रतीक्षा नहीं करेंगे। वे किसी पर भी निर्भर नहीं होंगे।
et erunt reliquiae Iacob in medio populorum multorum quasi ros a Domino et quasi stillae super herbam quae non expectat virum et non praestolatur filios hominum
बहुत से लोगों के बीच याकूब के बचे हुए लोग उस सिंह जैसे होंगे जो जंगल के पशुओं के बीच होता है। जब सिंह बीच से गुजरता है तो वह वहीं जाता है, जहाँ वह जाना चाहता है। वह पशु पर टूट पड़ता है और उस पशु को कोई बचा नहीं सकता है। उसके बचे हुए लोग ऐसे ही होंगे।
et erunt reliquiae Iacob in gentibus in medio populorum multorum quasi leo in iumentis silvarum et quasi catulus leonis in gregibus pecorum qui cum transierit et conculcaverit et ceperit non est qui eruat
तुम अपने हाथ अपने शत्रुओं पर उठाओगे और तुम उनका विनाश कर डालोगे।
exaltabitur manus tua super hostes tuos et omnes inimici tui interibunt
यहोवा कहता है: “उस समय मैं तुमसे तुम्हारे घोड़े छींन लूँगा। तुम्हारे रथों को नष्ट कर डालूँगा।
et erit in die illa dicit Dominus auferam equos tuos de medio tui et disperdam quadrigas tuas
मैं तुम्हारे देश के नगर उजाड़ दूँगा। मैं तुम्हारे सभी गढ़ों को गिरा दूँगा।
et perdam civitates terrae tuae et destruam omnes munitiones tuas
फिर तुम जादू चलाने को यत्न नहीं करोगे। फिर ऐसे उन लोगों को, जो भविष्य बताने का प्रयत्न करते हैं, तुम नहीं रखोगे।
et auferam maleficia de manu tua et divinationes non erunt in te
मैं तुम्हारे झूठे देवताओं की मूर्तियों को नष्ट करूँगा। उन झूठे देवों के पत्थर के स्मृति—स्तम्भ मैं उखाड़ फेंकूँगा जिनको तुमने स्वयं अपने हाथों से बनाया है। तुम उनकी पूजा नहीं कर पाओगे।
et perire faciam sculptilia tua et statuas tuas de medio tui et non adorabis ultra opera manuum tuarum
मैं अशेरा की पूजा के खम्भों को नष्ट कर दूँगा। तुम्हारे झूठे देवताओं को मैं तहस— नहस कर दूँगा।
et evellam lucos tuos de medio tui et conteram civitates tuas
कुछ लोग ऐसे होंगे जो मेरी नहीं सुनेंगे। मैं उन पर क्रोध करूँगा और मैं उनसे बदला लूँगा।”
et faciam in furore et in indignatione ultionem in omnibus gentibus quae non audierunt