यदि वह व्यक्ति अपने भाई की पत्नी को ग्रहण करना नहीं चाहता, तब भाई की पत्नी को बैठकवाली जगह पर नगर—प्रमुखों के पास जाना चाहिए। उसके भाई की पत्नी को नगर प्रमुखों से कहना चाहिए, ‘मेरे पति का भाई इस्राएल में अपने भाई का नाम बनाए रखने से इन्कार करता है। वह मेरे प्रति अपने भाई के कर्तव्य को पूरा नहीं करेगा।’
sin autem noluerit accipere uxorem fratris sui quae ei lege debetur perget mulier ad portam civitatis et interpellabit maiores natu dicetque non vult frater viri mei suscitare nomen fratris sui in Israhel nec me in coniugium sumere