वे हर तरह के अधर्म, पाप, लालच और वैर से भर गये। वे डाह, हत्या, लड़ाई-झगड़े, छल-छद्म और दुर्भावना से भरे हैं। वे दूसरों का सदा अहित सोचते हैं। वे कहानियाँ घड़ते रहते हैं।
πληρεις οντες πασης αδικιας, πορνειας, πονηριας, πλεονεξιας, κακιας, γεμοντες φθονου, φονου, εριδος, δολου, κακοηθειας