किन्तु तीन महीने बाद माँ डरी कि बच्चा ढूँढ लिया जाएगा। तब वह मार डाला जाएगा, क्योंकि वह लड़का है। इसलिए उसने एक टोकरी बनाई और उस पर तारकोल का लेप इस प्रकार किया कि वह तैर सके। उसने बच्चे को टोकरी में रख दिया। तब उसने टोकरी को नदी के किनारे लम्बी घास में रख दिया।
Ne pouvant plus le cacher, elle prit une caisse de jonc, qu'elle enduisit de bitume et de poix; elle y mit l'enfant, et le déposa parmi les roseaux, sur le bord du fleuve.