فَدَخَلَتِ الْمَرْأَةُ وَكَلَّمَتْ رَجُلَهَا قَائِلَةً: «جَاءَ إِلَيَّ رَجُلُ اللهِ، وَمَنْظَرُهُ كَمَنْظَرِ مَلاَكِ اللهِ، مُرْهِبٌ جِدًّا. وَلَمْ أَسْأَلْهُ: مِنْ أَيْنَ هُوَ، وَلاَ هُوَ أَخْبَرَنِي عَنِ اسْمِهِ.
तब वह स्त्री अपने पति के पास गई और जो कुछ हुआ था, बताया। उसने कहा, “परमेश्वर के पास से एक व्यक्ति मेरे पास आया। वह परमेश्वर के दूत की तरह ज्ञात होता था। वह बहुत भयानक दिखाई पड़ता था और मैं डर गई थी। मैंने उससे यह नहीं पूछा कि, तुम कहाँ से आये हो। उसने मुझे अपना नाम नहीं बताया।