وَحْيٌ مِنْ جِهَةِ بَهَائِمِ الْجَنُوبِ: فِي أَرْضِ شِدَّةٍ وَضِيقَةٍ، مِنْهَا اللَّبْوَةُ وَالأَسَدُ، الأَفْعَى وَالثُّعْبَانُ السَّامُّ الطَّيَّارُ، يَحْمِلُونَ عَلَى أَكْتَافِ الْحَمِيرِ ثَرْوَتَهُمْ، وَعَلَى أَسْنِمَةِ الْجِمَالِ كُنُوزَهُمْ، إِلَى شَعْبٍ لاَ يَنْفَعُ.
दक्षिण के पशुओं के लिए दु:खद सन्देश: नेगव विपत्तियों और खतरों से भरा एका देश है। यह प्रदेश सिंहों, नागों और उड़ने वाले साँपों से भरा पड़ा है। किन्तु कुछ लोग नेगव से होते हुए यात्रा कर रहे हैं—वे मिस्र की ओर जा रहे हैं। उन लोगों ने गधों की पीठों पर अपनी धन दौलत लादी हुई है। उन लोगों ने अपना खज़ाना ऊँटों की पीठों पर लाद रखा है अर्थात् ये लोग एक ऐसे देश पर भरोसा रखे हैं जो उन्हें नहीं बचा सकता।