فَقَالَ يَهُوذَا: «مَاذَا نَقُولُ لِسَيِّدِي؟ مَاذَا نَتَكَلَّمُ؟ وَبِمَاذَا نَتَبَرَّرُ؟ اللهُ قَدْ وَجَدَ إِثْمَ عَبِيدِكَ. هَا نَحْنُ عَبِيدٌ لِسَيِّدِي، نَحْنُ وَالَّذِي وُجِدَ الطَّاسُ فِي يَدِهِ جَمِيعًا».
यहूदा ने कहा, “महोदय, हम लोगों को कहने के लिए कुछ नहीं है। स्पष्ट करने का कोई रास्ता नहीं है। यह दिखाने का कोई तरीका नहीं है कि हम लोग अपराधी नहीं है। हम लोगों ने और कुछ किया होगा जिसके लिए परमेश्वर ने हमें अपराधी ठहराया। इसलिए हम सभी बिन्यामीन भी, आपके दास होंगे।”