«إِذَا حَصَدْتَ حَصِيدَكَ فِي حَقْلِكَ وَنَسِيتَ حُزْمَةً فِي الْحَقْلِ، فَلاَ تَرْجعْ لِتَأْخُذَهَا، لِلْغَرِيبِ وَالْيَتِيمِ وَالأَرْمَلَةِ تَكُونُ، لِكَيْ يُبَارِكَكَ الرَّبُّ إِلهُكَ فِي كُلِّ عَمَلِ يَدَيْكَ.
“तुम अपने खेत की फसल इकट्ठी करते रह सकते हो और तुम कोई पूली भूल से वहाँ छोड़ सकते हो। तुम्हें उसे लेने नहीं जाना चाहिए। यह विदेशियों, अनाथों और विधवाओं के लिए होगा। यदि तुम उनके लिए कुछ अन्न छोड़ते हो तो यहोवा तुम्हारा परमेश्वर तुम्हें उन सभी कामों में आशीष देगा जो तुम करोगे।