فِي ذَهَابِكَ الْيَوْمَ مِنْ عِنْدِي تُصَادِفُ رَجُلَيْنِ عِنْدَ قَبْرِ رَاحِيلَ، فِي تُخُمِ بَنْيَامِينَ فِي صَلْصَحَ، فَيَقُولاَنِ لَكَ: قَدْ وُجِدَتِ الأُتُنُ، الَّتِي ذَهَبْتَ تُفَتِّشُ عَلَيْهَا، وَهُوَذَا أَبُوكَ قَدْ تَرَكَ أَمْرَ الأُتُنِ وَاهْتَمَّ بِكُمَا قَائِلاً: مَاذَا أَصْنَعُ لابْنِي؟
जब तुम मुझसे अलग होगे, तो तुम राहेल के कब्र के पास दो व्यक्तियों से, बिन्यामीन की धरती के सिवाने पर, सेलसह में मिलोगे। वे दोनों व्यक्ति तुमसे कहेंगे, ‘जिन गधों की खोज तुम कर रहे थे उन्हें किसी व्यक्ति ने प्राप्त कर लिया है। तुम्हारे पिता ने गधों के सम्बन्ध में चिन्ता करना छोड़ दिया है। अब उसे तुम्हारी चिन्ता है। वह कह रहा है: मैं अपने पुत्र के विषय में क्या करूँ?’”