سَابِقًا فِي إِسْرَائِيلَ هكَذَا كَانَ يَقُولُ الرَّجُلُ عِنْدَ ذَهَابِهِ لِيَسْأَلَ اللهَ: «هَلُمَّ نَذْهَبْ إِلَى الرَّائِي». لأَنَّ النَّبِيَّ الْيَوْمَ كَانَ يُدْعَى سَابِقًا الرَّائِيَ.
शाऊल ने अपने सेवक से कहा, “अच्छा सुझाव है! हम चलें!” वे नगर में वहाँ गए जहाँ परमेश्वर का व्यक्ति था। शाऊल और उसका सेवक पहाड़ी पर चढ़ते हुए नगर को जा रहे थे। रास्ते में वे कुछ युवतियों से मिले। युवतियाँ बाहर से पानी लेने जा रही थीं। शाऊल और उसके सेवक ने युवतियों से पूछा, “क्या भविष्यवक्ता यहाँ है?” (प्राचीन काल में इस्राएल के निवासी नबियों को “भविष्यवक्ता” कहते थे। इसलिए यदि वे परमेश्वर से कुछ माँगना चाहते थे तो वे कहते थे, “हम लोग भविष्यवक्ता के पास चलें।”)