فِي كُلِّ مَا سِرْتُ مَعَ جَمِيعِ إِسْرَائِيلَ، هَلْ تَكَلَّمْتُ بِكَلِمَةٍ مَعَ أَحَدِ قُضَاةِ إِسْرَائِيلَ الَّذِينَ أَمَرْتُهُمْ أَنْ يَرْعَوْا شَعْبِي إِسْرَائِيلَ قَائِلاً: لِمَاذَا لَمْ تَبْنُوا لِي بَيْتًا مِنْ أَرْزٍ؟
जब से मैं इस्राएल को मिस्र से बाहर लाया तब से अब तक, मैं गृह में नहीं रहा हूँ। मैं एक तम्बू में चारों ओर घूमता रहा हूँ। मैंने इस्राएल के लोगों का विशेष प्रमुख बनने के लिये लोगों को चुना। वे प्रमुख मेरे लोगों के लिये गड़रिये के समान थे। जिस समय मैं इस्राएल में विभिन्न स्थानों पर चारों ओर घूम रहा था, उस समय मैंने किसी प्रमुख से यह नहीं कहाः तुमने मेरे लिये देवदारू वृक्ष का गृह क्यों नहीं बनाया है?’