हे इस्राएल, तू उस पुकार का आनन्द मत मना, जैसे देश—देश के लोग मनाते हैं! तू प्रसन्न मत हो! तने तो एक वेश्या के जैसा आचरण किया है और प्ररमेश्वर को बिसरा दिया है। तूने हर खलिहान की धरती पर व्यभिचार किया है।
इस्राएल के निवासी यहोवा को दाखमधु का चढ़ावा नहीं चढ़ायेंगे। वे उसे बलियाँ अर्पित नहीं कर पायेंगे। ये बलियाँ उनके लिये विलाप करते हुए की राटी जैसी होंगी। जो इसे खाएंगे वैसे भी अपवित्र हो जाएंगे।यहोवा के मन्दिर में उनकी रोटी नहीं जा पायेगी। उनके पास बस उतनी सी ही रोटी होगी, जिससे वे मात्र जीवित रह पायेंगे।
इस्राएल के लोग पूरी तरह से नष्ट होने के डर से अश्शूर को गये थे किन्तु मिस्र उन्हें इकट्ठा करके ले लेगा। मोप के लोग उन्हें गाड़ देंगे। चाँदी से भरे उनके खजानों पर खरपतवार उग आयेगा। उनके डेरों में, कँटीली झाड़ियाँ उग आयेंगी।
नबी कहता है, “हे इस्राएल, इन बातों को जान ले दण्ड देने का समय आ गया है। जो बुरे काम तूने किये हैं, तेरे लिये उनके भूगतान का समय आ गया है।” किन्तु इस्राएल के लोग कहते हैं, “नबी मूर्ख है, परमेश्वर की आत्मा से युक्त यह पुरूष उन्मादी है।” नबी कहता है, “तुम्हारे बुरे कामो के लिये तुम्हें दण्ड दिया जायेगा। तुम्हारी घृणा के लिये तुम्हें दण्ड दिया जायेगा।”
परमेश्वर और नबी उन पहरेदारों के समान हैं जो ऊपर से एप्रैम पर ध्यान रखे हुए हैं। किन्तु मार्ग तो अनेक फँदों से भरा हुआ है। किन्तु लोग तो नबी से उसके परमेश्वर के घर तक में घृणा करते हैं।
“जैसे रेगिस्तान में किसी को अंगूर मिल जायें, मेरे लिये इस्राएल का मिलना वैसा ही था। तुम्हारे पूर्वज मुझे ऐसे ही मिले जैसे ऋतु के प्रारम्भ में अंजीर के पेड़ पर किसी को अंजीर के पहले फल मिलते हैं। किन्तु वे तो बाल—पोर के पास चले गये। वे बदल गये और ऐसे हो गये जैसे कोई सड़ी—गली वस्तु होती है। वे जिन भयानक वस्तुओं को (झूठे देवताओं को) प्रेम करते थे, उन्हीं के जैसे हो गये।
किन्तु यदि इस्राएली अपने बच्चे पाल भी लेंगे तो भी सब बेकार हो जायेगा। मैं उनसे उनके बच्चे छीन लूँगा। मैं उन्हें त्याग दूँगा और उन्हें विपदाओं के अलावा कुछ भी नहीं मिल पायेगा।”
उनकी समूची बुराई गिल्गाल में है।
वहीं मैंने उनसे घृणा करना शुरू किया था।
मैं उन्हें मेरे घर से निकल जाने को विवश करूँगा,
उनके उन कुकर्मों के लिये जिनको वे करते हैं।
मैं उनसे अब प्यार नहीं करता रहूँगा।
उनके सभी मुखिया मुझसे बागी हो गये हैं, अब वे मेरे विरोध में हो गये हैं।
एप्रैम को दण्ड दिया जायेगा,
उनकी जड़ सूख रहीं है।
उनके और अधिक संतानें अब नहीं होंगी।
चाहे उनकी संतानें होती रहें
किन्तु उनके दुलारे शिशुओं को जो उनके शरीर से पैदा होते हैं मैं मार डालूँगा।