हे राजपुत्र की पुत्री, सचमुच तेरे पैर इन जूतियों के भीतर सुन्दर हैं।
तेरी जंघाएँ ऐसी गोल हैं जैसे किसी कलाकार के ढाले हुए आभूषण हों।
quid videbis in Sulamiten nisi choros castrorum quam pulchri sunt gressus tui in calciamentis filia principis iunctura feminum tuorum sicut monilia quae fabricata sunt manu artificis
तेरी गर्दन ऐसी है जैसे किसी हाथी दाँत की मीनार हो।
तेरे नयन ऐसे है जैसे हेशबोन के वे कुण्ड
जो बत्रब्बीम के फाटक के पास है।
तेरी नाक ऐसी लम्बी है जैसे लबानोन की मीनार
जो दमिश्क की ओर मुख किये है।
collum tuum sicut turris eburnea oculi tui sicut piscinae in Esebon quae sunt in porta filiae multitudinis nasus tuus sicut turris Libani quae respicit contra Damascum
हम बहुत शीघ्र उठें और अंगूर के बागों में निकल जायें।
आ, हम वहाँ देखें क्या अंगूर की बेलों पर कलियाँ खिल रही हैं।
आ, हम देखें क्या बहारें खिल गयी हैं
और क्या अनार की कलियाँ चटक रही हैं।
वहीं पर मैं अपना प्रेम तुझे अर्पण करूँगी।
mane surgamus ad vineas videamus si floruit vinea si flores fructus parturiunt si floruerunt mala punica ibi dabo tibi ubera mea