मेरे लोगों की सुन।
इस देश में वे चारों ओर सहायता के लिए पुकार रहे हैं।
वे कहते हैं, “क्या यहोवा अब भी सिय्योन में है?
क्या सिय्योन के राजा अब भी वहाँ है?”
किन्तु परमेश्वर कहता है,
“यहूदा के लोग, अपनी देव मूर्तियों की पूजा करके
मुझे क्रोधित क्यों करते हैं,
उन्होंने अपने व्यर्थ विदेशी देव मूर्तियों की पूजा की है।”
ecce vox clamoris filiae populi mei de terra longinqua numquid Dominus non est in Sion aut rex eius non est in ea quare ergo me ad iracundiam concitaverunt in sculptilibus suis et in vanitatibus alienis