Ezekiel 10

तब मैंने उस कटोरे को देखा जो करुब (स्वर्गदूत) के सिरों के ऊपर था। कटोरा नीलमणि की तरह स्वच्छ नीला दिख रहा था। वहाँ कटोरे के ऊपर कुछ सिंहासन की तरह दिख रहा था।
et vidi et ecce in firmamento quod erat super caput cherubin quasi lapis sapphyrus quasi species similitudinis solii apparuit super ea
तब उस व्यक्ति ने जो सिंहासन पर बैठा था, सन के वस्त्र पहने हुए व्यक्ति से कहा, “तुफानी—बादल में आओ। करुब (स्वर्गदूत) के क्षेत्र में आओ। करुब (स्वर्गदूतों) के बीच से कुछ अंगारे अपने हाथ में लो। अपने हाथ में उन कोयलों को ले जाओ और जाकर उन्हें यरूशलेम नगर पर फेंक दो।” वह व्यक्ति मेरे पीछे चला।
et dixit ad virum qui indutus erat lineis et ait ingredere in medio rotarum quae sunt subtus cherub et imple manum tuam prunis ignis quae sunt inter cherubin et effunde super civitatem ingressusque est in conspectu meo
करुब (स्वर्गदूत) उस समय मन्दिर के दक्षिण के क्षेत्र में खड़े थे, जब वह व्यक्ति बादल में घुसा। बादल भीतरी आँगन में भर गया।
cherubin autem stabant a dextris domus cum ingrederetur vir et nubes implevit atrium interius
तब यहोवा का तेज करुब (स्वर्गदूत) से अलग होकर मन्दिर के द्वार पर चला गया। तब बादल मन्दिर में भर गया और यहोवा के तेज की प्रखर ज्योति पूरे आँगन में भर गई।
et elevata est gloria Domini desuper cherub ad limen domus et repleta est domus nube et atrium repletum est splendore gloriae Domini
तब मैंने करूब (स्वर्गदूतों) के पंखों की फड़फड़ाहट पूरे बाहरी आँगन में सुनी जा सकती थी। बाहरी आँगन में फड़फड़ाहट बड़ी प्रचण्ड थी, वैसी ही जैसी सर्वशक्तिमान परमेश्वर की गरजती वाणी होती है, जब वह बातें करता है।
et sonitus alarum cherubin audiebatur usque ad atrium exterius quasi vox Dei omnipotentis loquentis
परमेश्वर ने सन के वस्त्र पहने हुए व्यक्ति को आदेश दिया था। परमेश्वर ने उसे “तूफानी—बादल” में घुसने के लिये कहा और करुब (स्वर्गदूतों) के बीच से कुछ अंगारे लेने को कहा। इसलिये वह व्यक्ति तूफानी—बादल में घुस गया और गोल चक्रों में से एक के सहारे खड़ा हो गया।
cumque praecepisset viro qui indutus erat lineis dicens sume ignem de medio rotarum quae sunt inter cherubin ingressus ille stetit iuxta rotam
करुब (स्वर्गदूतों) में से एक ने अपना हाथ बढ़ाया और करुब (स्वर्गदूतों) के क्षेत्र के बीच से कुछ अंगारे लिये। उसने अंगारों को उस व्यक्ति के हाथों में रख दिया और वह व्यक्ति वहाँ से चला गया।
et extendit cherub manum de medio cherubin ad ignem qui erat inter cherubin et sumpsit et dedit in manus eius qui indutus erat lineis qui accipiens egressus est
(करुब स्वर्गदूतों के पंखों के नीचे कुछ ऐसा था जो मनुष्य की भुजाओं की तरह दिखता था।)
et apparuit in cherubin similitudo manus hominis subtus pinnas eorum
तब मैंने देखा कि वहाँ चार गोल चक्र थे। हर एक करुब (स्वर्गदूत) की बगल में एक चक्र था, और चक्र स्वच्छ पीले रत्न की तरह दिखते थे।
et vidi et ecce quattuor rotae iuxta cherubin rota una iuxta cherub unum et rota alia iuxta cherub unum species autem erat rotarum quasi visio lapidis chrysoliti
वे चार चक्र थे और सब चक्र एक से प्रतीत होते थे। वे ऐसे दिखते थे मानों एक चक्र दूसरे चक्र में हो।
et aspectus earum similitudo una quattuor quasi sit rota in medio rotae
जब वे चलते थे तो किसी भी दिशा में जा सकते थे। जब कभी वे चलते थे वे चारों एक साथ चलते थे। किन्तु उनके चलने के साथ करुब (स्वर्गदूत) साथ—साथ चक्कर नहीं लगाते थे। वे उस दिशा में चलते थे, जिधर उनका मुख होता था। जब वे चलते थे तो वे इधर—उधर नहीं मुड़ते थे।
cumque ambularent in quattuor partes gradiebantur non revertebantur ambulantes sed ad locum ad quem ire declinabat quae prima erat sequebantur et ceterae nec convertebantur
उनके पूरे शरीर पर आँखे थीं। उनकी पीठ, उनकी भुजा, उनके पंख और उनके चक्र में आँखे थीं। हाँ, चारों चक्रों में आँखे थीं!
et omne corpus earum et colla et manus et pinnae et circuli plena erant oculis in circuitu quattuor rotarum
मेरे सुनते हुए इन पहियों को चक्कर कहा गया, अर्थात् घुमने वाले पहिए।
et rotas istas vocavit volubiles audiente me
हर एक करुब (स्वर्गदूत) चार मुखों वाला था। पहला मुख करुब का था। दूसरा मुख मनुष्य का था। तीसरा सिंह का मुख था और चौथा उकाब का मुख था। तब मैंने जाना कि (ये करुब स्वर्गदूत वे जानवर थे जिन्हें मैंने कबार नदी के दर्शन में देखा था!) तब करुब (स्वर्गदूत) हवा में उठे।
quattuor autem facies habebat unum facies una facies cherub et facies secunda facies hominis et in tertio facies leonis et in quarto facies aquilae
हर एक करुब (स्वर्गदूत) चार मुखों वाला था। पहला मुख करुब का था। दूसरा मुख मनुष्य का था। तीसरा सिंह का मुख था और चौथा उकाब का मुख था। तब मैंने जाना कि (ये करुब स्वर्गदूत वे जानवर थे जिन्हें मैंने कबार नदी के दर्शन में देखा था!) तब करुब (स्वर्गदूत) हवा में उठे।
et elevata sunt cherubin ipsum est animal quod videram iuxta flumen Chobar
उनके साथ चक्र उठे। चक्रों ने अपनी दिशा उस समय नहीं बदली जब करुब (स्वर्गदूत) ने पंख खोले और वे हवा में उड़े।
cumque ambularent cherubin ibant pariter et rotae iuxta ea et cum levarent cherubin alas suas ut exaltarentur de terra non residebant rotae sed et ipsae iuxta erant
यदि करुब (स्वर्गदूत) हवा में उड़ते थे तो चक्र उनके साथ जाते थे। यदि करुब (स्वर्गदूत) शान्त खड़े रहते थे तो चक्र भी वैसा ही करते थे। क्यों क्योंकि उनमें प्राणियों की आत्मा की शक्ति थी।
stantibus illis stabant et cum elevatis elevabantur spiritus enim vitae erat in eis
तब यहोवा का तेज मन्दिर की देहली से उठा, करुब (स्वर्गदूतों) के स्थान के ऊपर गया और वहाँ ठहर गया।
et egressa est gloria Domini a limine templi et stetit super cherubin
तब करुब (स्वर्गदूतों) ने अपने पंख खोले और हवा में उड़ गए। मैंने उन्हें मन्दिर को छोड़ते देखा! चक्र उनके साथ चले। तब वे यहोवा के मन्दिर के पूर्वी द्वार पर ठहरे। इस्राएल के परमेश्वर का तेज हवा में उनके ऊपर था।
et elevantia cherubin alas suas exaltata sunt a terra coram me et illis egredientibus rotae quoque subsecutae sunt et stetit in introitu portae domus Domini orientalis et gloria Dei Israhel erat super ea
तब मैंने इस्राएल के परमेश्वर के तेज के नीचे प्राणियों को कबार नदी के दर्शन में याद किया और मैंने अनुभव किया कि वे प्राणी करुब (स्वर्गदूत) थे।
ipsum est animal quod vidi subter Deum Israhel iuxta fluvium Chobar et intellexi quia cherubin essent
हर एक प्राणी के चार मुख थे, चार पंख थे और पंखों के नीचे कुछ ऐसा था जो मनुष्य की भुजाओं की तरह दिखता था।
quattuor per quattuor vultus uni et quattuor alae uni et similitudo manus hominis sub alis eorum
करुब (स्वर्गदूतों) के वही चार मुख थे जो कबार नदी के दर्शन के प्राणियों के थे और वे सीधे आगे उस दिशा में देखते थे, जिधर वे जा रहे थे।
et similitudo vultuum eorum ipsi vultus quos videram iuxta fluvium Chobar et intuitus eorum et impetus singulorum ante faciem suam ingredi