Exodus 38

तब उसने होमबलि की वेदी बनाई। यह वेदी होमबलि के लिये उपयोग में आने वाली थी। उसने बबूल की लकड़ी से इसे बनाया। वेदी वर्गाकार थी। यह साढ़े सात फुट लम्बी, साढ़े सात फुट चौड़ी और साढ़े सात फुट ऊँची थी।
بضلی ایل نے کیکر کی لکڑی کی ایک اَور قربان گاہ بنائی جو بھسم ہونے والی قربانیوں کے لئے تھی۔ اُس کی اونچائی ساڑھے چار فٹ، اُس کی لمبائی اور چوڑائی ساڑھے سات سات فٹ تھی۔
उसने हर एक कोने पर एक सींग बनाया। उसने सींगों को वेदी के साथ जोड़ दिया। तब उसने हर चीज़ को काँसे से ढक लिया।
اُس کے اوپر چاروں کونوں میں سے سینگ نکلتے تھے۔ سینگ اور قربان گاہ ایک ہی ٹکڑے کے تھے، اور اُس پر پیتل چڑھایا گیا۔
तब उसने वेदी पर उपयोग में आने वाले सभी उपकरणों को बनाया। उसने इन चीज़ों को काँसे से ही बनाया। उसने पात्र, बेलचे, कटोरे, माँस के लिए काँटे, और कढ़ाहियाँ बनाईं।
اُس کا تمام ساز و سامان اور برتن بھی پیتل کے تھے یعنی راکھ کو اُٹھا کر لے جانے کی بالٹیاں، بیلچے، کانٹے، جلتے ہوئے کوئلے کے لئے برتن اور چھڑکاؤ کے کٹورے۔
तब उसने वेदी के लिये एक जाली बनायी। यह जाली काँसे की जाली की तरह थी। जाली को वेदी के पायदान से लगाया। यह वेदी के भीतर लगभग मध्य में था।
قربان گاہ کو اُٹھانے کے لئے اُس نے پیتل کا جنگلا بنایا۔ وہ اوپر سے کھلا تھا اور یوں بنایا گیا کہ جب قربان گاہ اُس میں رکھی جائے تو وہ اُس کنارے تک پہنچے جو قربان گاہ کی آدھی اونچائی پر لگی تھی۔
तब उसने काँसे के कड़े बनाए। ये कड़े वेदी को ले जाने के लिये बल्लियों को फँसाने के काम आते थे। उसने पर्दे के चारों कोनों पर कड़ों को लगाया।
اُس نے قربان گاہ کو اُٹھانے کے لئے چار کڑے بنا کر اُنہیں جنگلے کے چار کونوں پر لگایا۔
तब उसने बबूल की लकड़ी की बल्लियाँ बनाईं और उन्हें काँसे से मढ़ा।
پھر اُس نے کیکر کی دو لکڑیاں بنا کر اُن پر پیتل چڑھایا
उसने बल्लियाँ को कड़ों में डाला। बल्लियाँ वेदी की बगल में थीं। वे वेदी को ले जाने के काम आती थीं। उसने वेदी को बनाने के लिये बबूल के तख़्तों का उपयोग किया। वेदी भीतर खाली थी, एक खाली सन्दूक की तरह।
اور قربان گاہ کے دونوں طرف لگے اِن کڑوں میں ڈال دیں۔ یوں اُسے اُٹھایا جا سکتا تھا۔ قربان گاہ لکڑی کی تھی لیکن کھوکھلی تھی۔
उसने हाथ धोने के बड़े पात्र तथा उसके आधार को उस काँसे से बनाया जिसे पवित्र तम्बू के प्रवेश द्वार पर सेवा करने वाली स्त्रियों द्वारा दर्पण के रूप में काम में लाया जाता था।
بضلی ایل نے دھونے کا حوض اور اُس کا ڈھانچا بھی پیتل سے بنایا۔ اُس کا پیتل اُن عورتوں کے آئینوں سے ملا تھا جو ملاقات کے خیمے کے دروازے پر خدمت کرتی تھیں۔
तब उसने आँगन के चारों ओर पर्दें की दीवार बनाई। दक्षिण की ओर के पर्दे की दीवार पचास गज लम्बी थी। ये पर्दे सन के उत्तम रेशों के बने थे।
پھر بضلی ایل نے صحن بنایا۔ اُس کی چاردیواری باریک کتان کے کپڑے سے بنائی گئی۔ چاردیواری کی لمبائی جنوب کی طرف 150 فٹ تھی۔
दक्षिणी ओर के पर्दो को बीस खम्भों पर सहारा दिया गया था। ये खम्भे काँसे के बीस आधारों पर थे। खम्भों और बल्लियों के लिये छल्ले चाँदी के बने थे।
کپڑے کو لگانے کے لئے چاندی کی ہکیں، پٹیاں، لکڑی کے کھمبے اور اُن کے پائے بنائے گئے۔
उत्तरी तरफ़ का आँगन भी पचास गज लम्बा था और उसमें बीस खम्भे बीस काँसे के आधारों के साथ थे। खम्भों और बल्लियों के लिये छल्ले चाँदी के बने थे।
چاردیواری شمال کی طرف بھی اِسی طرح بنائی گئی۔
आँगन के पश्चिमी तरफ़ के पर्दे पच्चीस गज लम्बे थे। वहाँ दस खम्भे और दस आधार थे। खम्भों के लिये छल्ले तथा कुँड़े चाँदी के बनाए गए थे।
خیمے کے پیچھے مغرب کی طرف چاردیواری کی چوڑائی 75 فٹ تھی۔ کپڑے کے علاوہ اُس کے لئے 10 کھمبے، 10 پائے اور کپڑا لگانے کے لئے چاندی کی ہکیں اور پٹیاں بنائی گئیں۔
आँगन की पूर्वी दीवार पच्चीस गज चौड़ी थी। आँगन का प्रवेश द्वार इसी ओर था।
سامنے، مشرق کی طرف جہاں سے سورج طلوع ہوتا ہے چاردیواری کی چوڑائی بھی 75 فٹ تھی۔
प्रवेश द्वार के एक तरफ़ पर्दे की दीवार साढ़े सात गज लम्बी थी। इस तरफ़ तीन खम्भे और तीन आधार थे।
کپڑا دروازے کے دائیں طرف ساڑھے 22 فٹ چوڑا تھا اور اُس کے بائیں طرف بھی اُتنا ہی چوڑا۔ اُسے دونوں طرف تین تین کھمبوں کے ساتھ لگایا گیا جو پیتل کے پائیوں پر کھڑے تھے۔
प्रवेश द्वार के दूसरी तरफ़ पर्दे की दीवार की लम्बाई भी साढ़े सात गज़ थी। वहाँ भी तीन खम्भे और तीन आधार थे।
کپڑا دروازے کے دائیں طرف ساڑھے 22 فٹ چوڑا تھا اور اُس کے بائیں طرف بھی اُتنا ہی چوڑا۔ اُسے دونوں طرف تین تین کھمبوں کے ساتھ لگایا گیا جو پیتل کے پائیوں پر کھڑے تھے۔
आँगन के चारों ओर की कनाते सन के उत्तम रेशों की बनी थीं।
چاردیواری کے تمام پردوں کے لئے باریک کتان استعمال ہوا۔
खम्भों के आधार काँसे के बने थे। छल्लों और कनातों की छड़े चाँदी की बनी थीं। खम्भों के सिरे भी चाँदी से मढ़े थे। आँगन के सभी खम्भे कनात की चाँदी की छड़ों से जुड़े थे।
کھمبے پیتل کے پائیوں پر کھڑے تھے، اور پردے چاندی کی ہکوں اور پٹیوں سے کھمبوں کے ساتھ لگے تھے۔ کھمبوں کے اوپر کے سِروں پر چاندی چڑھائی گئی تھی۔ صحن کے تمام کھمبوں پر چاندی کی پٹیاں لگی تھیں۔
आँगन के प्रवेश द्वार की कनात सन के उत्तम रेशों और नीले, लाल तथा बैंगनी कपड़े की बनी थी। इस पर कढ़ाई कढ़ी हुई थी। कनात दस गज लम्बी और ढाई गज ऊँची थी। ये उसी ऊँचाई की थी जिस ऊँचाई की आँगन की चारों ओर की कनातें थीं।
چاردیواری کے دروازے کا پردہ نیلے، ارغوانی اور قرمزی رنگ کے دھاگے اور باریک کتان سے بنایا گیا، اور اُس پر کڑھائی کا کام کیا گیا۔ وہ 30 فٹ چوڑا اور چاردیواری کے دوسرے پردوں کی طرح ساڑھے سات فٹ اونچا تھا۔
कनात चार खम्भों और चार काँसें के आधारों पर खड़ी थी। खम्भों के छल्ले चाँदी के बने थे। खम्भों के सिरे चाँदी से मढ़े थे और पर्दे की छड़ें भी चाँदी की बनी थीं।
اُس کے چار کھمبے اور پیتل کے چار پائے تھے۔ اُس کی ہکیں اور پٹیاں چاندی کی تھیں، اور کھمبوں کے اوپر کے سِروں پر چاندی چڑھائی گئی تھی۔
पवित्र तम्बू और आँगन के चारों ओर की कनातों की खूँटियाँ काँसे की बनी थीं।
خیمے اور چاردیواری کی تمام میخیں پیتل کی تھیں۔
मूसा ने सभी लेवी लोगों को आदेश दिया कि वे तम्बू अर्थात् साक्षीपत्र का तम्बू बनाने में काम आई हुई चीज़ों को लिख लें। हारून का पुत्र ईतामार इस सूची को रखने का अधिकारी था।
ذیل میں اُس سامان کی فہرست ہے جو مقدِس کی تعمیر کے لئے استعمال ہوا۔ موسیٰ کے حکم پر امامِ اعظم ہارون کے بیٹے اِتمر نے لاویوں کی معرفت یہ فہرست تیار کی۔
यहूदा के परिवार समूह से हूर के पुत्र ऊरी के पुत्र बसलेल ने भी सभी चीज़ें बनाईं जिनके लिये यहोवा ने मूसा को आदेश दिया था।
(یہوداہ کے قبیلے کے بضلی ایل بن اُوری بن حور نے وہ سب کچھ بنایا جو رب نے موسیٰ کو بتایا تھا۔
दान के परिवार समूह से अहीसामाक के पुत्र ओहोलीआब ने भी उसे सहायता दी। ओहोलीआब एक निपुण कारीगर और शिल्पकार था। वह सन के उत्तम रेशों और नीले, बैंगनी और लाल कपड़े बुनने में निपुण था।
اُس کے ساتھ دان کے قبیلے کا اُہلیاب بن اخی سمک تھا جو کاری گری کے ہر کام اور کڑھائی کے کام میں ماہر تھا۔ وہ نیلے، ارغوانی اور قرمزی رنگ کے دھاگے اور باریک کتان سے کپڑا بنانے میں بھی ماہر تھا۔)
दो टन से अधिक सोना पवित्र तम्बू के लिये यहोवा को भेंट किया गया था। (यह मन्दिर के प्रामाणिक बाटों से तोला गया था।)
اُس سونے کا وزن جو لوگوں کے ہدئیوں سے جمع ہوا اور مقدِس کی تعمیر کے لئے استعمال ہوا تقریباً 1,000 کلو گرام تھا (اُسے مقدِس کے باٹوں کے حساب سے تولا گیا)۔
लोगों ने पौने चार टन से अधिक चाँदी दी। (यह अधिकारिक मन्दिर के बाट से तोली गयी थी।)
تعمیر کے لئے چاندی جو مردم شماری کے حساب سے وصول ہوئی، اُس کا وزن تقریباً 3,430 کلو گرام تھا (اُسے بھی مقدِس کے باٹوں کے حساب سے تولا گیا)۔
यह चाँदी उनके द्वारा कर वसूल करने से आई। लेवी पुरुषों ने बीस वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों की गणना की। छः लाख तीन हज़ार पाँच सौ पचास लोग थे और हर एक पुरुष को एक *बेका* चाँदी कर के रूप में देनी थी। (मन्दिर के अधिकारिक बाट के अनुसार एक *बेका* आधा शेकेल होता था।)
جن مردوں کی عمر 20 سال یا اِس سے زائد تھی اُنہیں چاندی کا آدھا آدھا سِکہ دینا پڑا۔ مردوں کی کُل تعداد 6,03,550 تھی۔
पौने चार टन चाँदी का उपयोग पवित्र तम्बू के सौ आधारों और कनातों को बनाने में हुआ था। उन्होंने पचहत्तर पौंड चाँदी हर एक आधार में लगायी।
چونکہ دیواروں کے تختوں کے پائے اور مُقدّس ترین کمرے کے دروازے کے ستونوں کے پائے چاندی کے تھے اِس لئے تقریباً پوری چاندی اِن 100 پائیوں کے لئے صَرف ہوئی۔
अन्य पचास पौंड़ चाँदी का उपयोग खूँटियों कनातों की छड़ों और खम्भों के सिरों को बनाने में हुआ था।
تقریباً 30 کلو گرام چاندی بچ گئی۔ اِس سے چاردیواری کے کھمبوں کی ہکیں اور پٹیاں بنائی گئیں، اور یہ کھمبوں کے اوپر کے سِروں پر بھی چڑھائی گئی۔
साढ़े छब्बीस टन से अधिक काँसा यहोवा को भेंट चढ़ाया गया।
جو پیتل ہدئیوں سے جمع ہوا اُس کا وزن تقریباً 2,425 کلو گرام تھا۔
उस काँसे का उपयोग मिलापवाले तम्बू के प्रवेश द्वार के आधारों को बनाने में हुआ। उन्होंने काँसे का उपयोग वेदी और काँसे की जाली बनाने में भी किया और वह काँसा, सभी उपकरण और वेदी की तश्तरियों को बनाने के काम में आया।
خیمے کے دروازے کے پائے، جانوروں کو چڑھانے کی قربان گاہ، اُس کا جنگلا، برتن اور ساز و سامان،
इसका उपयोग आँगन के चारों ओर की कनातों के आधारों और प्रवेश द्वार की कनातों के आधारों के लिए भी हुआ। और काँसे का उपयोग तम्बू के लिये खूँटियों को बनाने और आँगन के चारों ओर की कनातों के लिए हुआ।
چاردیواری کے پائے، صحن کے دروازے کے پائے اور خیمے اور چاردیواری کی تمام میخیں اِسی سے بنائی گئیں۔