Ecclesiastes 6

मैंने जीवन में एक और बात देखी जो ठीक नहीं है। यह समझना बहुत कठिन है कि
Є ще зло, що я бачив під сонцем, і багато його між людьми:
परमेश्वर किसी व्यक्ति को बहुत सा धन देता है, सम्पत्तियाँ देता है और आदर देता है। उस व्यक्ति के पास उसकी आवश्यकता की वस्तु होती है और जो कुछ भी वह चाह सकता है वह भी होता है। किन्तु परमेश्वर उस व्यक्ति को उन वस्तुओं का भोग नहीं करने देता। तभी कोई अजनबी आता है और उन सभी वस्तुओं को छीन लेता है। यह एक बहुत बुरी और व्यर्थ बात है।
Ось людина, що Бог їй багатство дає, і маєтки та славу, і недостатку ні в чому, чого зажадає, не чує вона для своєї душі, але Бог не дав влади їй те споживати, бо чужа людина те поїсть: Це марнота й недуга тяжка!...
कोई व्यक्ति बहुत दिनों तक जीता है और हो सकता है उसके सौ बच्चे हो जाये। किन्तु यदि वह व्यक्ति उन अच्छी वस्तुओं से संतुष्ट नहीं होता और यदि उसकी मृत्यु के बाद कोई उसे याद नहीं करता है मैं कहता हूँ कि
Якби сотню дітей наплодив чоловік, і прожив пречисленні літа, і дні віку його були довгі, але не наситилась добрим душа його, а до того не мав би й належного похорону, то кажу: недоноскові краще від нього!...
उस व्यक्ति से तो वह बच्चा ही अच्छा है जो जन्म लेते ही मर जाता है।
Бо в марноті прийшов він, і в темряву йде, і в темряві сховане буде імення його,
उस बच्चे ने कभी सूरज तो देखा ही नहीं। उस बच्चे ने कभी कुछ नहीं जाना किन्तु उस व्यक्ति की किस्मत जिसने परमेश्वर की दी हुई वस्तुओं का कभी आनन्द नहीं लिया, उस बच्चे को अधिक चैन मिलता है।
ані сонця не бачив він, ані пізнав: йому спокійніше від того!...
वह व्यक्ति चाहे दो हजार वर्ष जिए किन्तु वह जीवन का आनन्द नहीं उठाता तो वह बच्चा जो मरा ही पैदा हुआ हो, उस एक जैसे अंत अर्थात् मृत्यु को आसानी से पाता है।
А коли б він жив двічі по тисячі літ, та не бачив добра, то хіба не до місця одного все йде?
एक व्यक्ति निरन्तर काम करता ही रहता है क्यों? क्योंकि उसे अपनी इच्छाएँ पूरी करनी है। किन्तु वह सन्तुष्ट तो कभी नहीं होता।
Увесь труд людини для рота її, і пожадання її не виповнюються.
इस प्रकार से एक बुद्धिमान व्यक्ति भी एक मूर्ख मनुष्य से किसी प्रकार उत्तम नहीं है। ऐसे दीन—हीन मनुष्य होने का भी क्या फायदा हो सकता।
Бо що більшого має мудрець, ніж безглуздий, що має убогий над те, що перед живими уміє ходити?
वे वस्तुएँ जो तुम्हारे पास है, उनमें सन्तोष करना अच्छा है बजाय इसके कि और लगन लगी रहे। सदा अधिक की कामना करते रहना निरर्थक है। यह वैसा ही है जैसे वायु को पकड़ने का प्रयत्न करना।
Краще бачити очима, аніж мандрувати жаданнями, і також це марнота та ловлення вітру...
जो कुछ घट रहा है उसकी योजना बहुत पहले बन चुकी होती है। एक व्यक्ति बस वैसा ही होता है कि जैसा होने के लिए उसे बनाया गया है। हर कोई जानता है लोग कैसे होते हैं। सो इस विषय में परमेश्वर से तर्क करना बेकार है क्योंकि परमेश्वर किसी भी व्यक्ति से अधिक शक्तिशाली है।
Що було, тому ймення його вже надане давно, і відоме, що він чоловік, і він не може правуватися з сильнішим від нього,
जो कुछ घट रहा है उसकी योजना बहुत पहले बन चुकी होती है। एक व्यक्ति बस वैसा ही होता है कि जैसा होने के लिए उसे बनाया गया है। हर कोई जानता है लोग कैसे होते हैं। सो इस विषय में परमेश्वर से तर्क करना बेकार है क्योंकि परमेश्वर किसी भी व्यक्ति से अधिक शक्तिशाली है।
бо багато речей, що марноту примножуть, але яка користь від них для людини?
कौन जानता है कि इस धरती पर मनुष्य के छोटे से जीवन में उसके लिये सबसे अच्छा क्या है? उसका जीवन तो छाया के समान ढल जाता है। बाद में क्या होगा कोई नहीं बता सकता।
Бо хто знає, що добре людині в житті, за небагатьох днів марного життя її, які пробуває вона, немов тінь? Та й що хто розкаже людині, що буде під сонцем по ній?