विशाल शाखा से आग फैली।
आग ने उसकी सारी टहनियों और फलों को जला दिया।
अत: कोई सहारे की शक्तिशाली छड़ी नहीं रही।
कोई राजा का राजदण्ड न रहा।’
यह मृत्यु के बारे में करुण—गीत था और यह मृत्यु के बारे में करुणगीत के रूप में गाया गया था।”
Y ha salido fuego de la vara de sus ramos, ha consumido su fruto, y no ha quedado en ella vara fuerte, cetro para enseñorear. Endecha es ésta, y de endecha servirá.