इसलिए इस्राएल ने मिस्र की अपनी यात्रा प्रारम्भ की। पहले इस्राएल बेर्शेबा पहुँचा। वहाँ इस्राएल ने अपने पिता इसहाक के परमेश्वर की उपासना की। उसने बलि दी।
یعقوب هرچه داشت جمع كرد و به بئرشبع رفت. و در آنجا برای خدای پدرش اسحاق قربانیها گذرانید.
मैं तुम्हारे साथ मिस्र चलूँगा और मैं तुम्हें फिर मिस्र से बाहर निकाल लाऊँगा। तुम मिस्र में मरोगे। किन्तु यूसुफ तुम्हारे साथ रहेगा। जब तुम मरोगे तो वह स्वयं अपने हाथों से तुम्हारी आँखें बन्द करेगा।”
من با تو به مصر خواهم آمد و از آنجا تو را به این زمین برمیگردانم. موقع مردنت یوسف پیش تو خواهد بود.»
तब याकूब ने बेर्शेबा छोड़ा और मिस्र तक यात्रा की। उसके पुत्र, अर्थात् इस्राएल के पुत्र अपने पिता, अपनी पत्नियों और अपने सभी बच्चों को मिस्र ले आए। उन्होंने फ़िरौन द्वारा भेजी गयी गाड़ियों में यात्रा की।
یعقوب از بئرشبع حركت كرد. پسرانش او و بچّههای كوچک و زنان خود را در گاریهایی كه فرعون فرستاده بود، سوار كردند.
यूसुफ को पता लगा कि उसका पिता निकट आ रहा है। इसलिए यूसुफ ने अपना रथ तैयार कराया और अपने पिता इस्राएल से गीशोन में मिलने चला। जब यूसुफ ने अपने पिता को देखा तब वह उसके गले से लिपट गया और देर तक रोता रहा।
یوسف ارابهٔ خود را حاضر كرد و به جوشن رفت تا از پدرش استقبال كند. وقتی یكدیگر را دیدند، یوسف دستهای خود را به گردن پدرش انداخت و مدّت زیادی گریه کرد.
यूसुफ ने अपने भाईयों और अपने पिता के परिवार से कहा, “मैं जाऊँगा और फ़िरौन से कहूँगा कि मेरे पिता यहाँ आ गए हैं। मैं फिरौन से कहूँगा, ‘मेरे भाईयों और मेरे पिता के परिवार ने कनान देश छोड़ दिया है और यहाँ मेरे पास आ गए हैं।
سپس یوسف به برادرانش و سایر اعضای خانوادهٔ پدرش گفت: «من باید به نزد فرعون بروم و به او خبر بدهم كه برادرانم و تمام اهل خانهٔ پدرم كه در كنعان زندگی میكردند پیش من آمدهاند.
आप लोग उनसे कहना, ‘हम लोग चरवाहे हैं। हम लोगों ने पूरा जीवन अपने जानवरों की देखभाल में बिताया है। हम लोगों से पहले हमारे पूर्वज भी ऐसे ही रहे।’ तब फ़िरौन तुम लोगों को गीशोन प्रदेश में रहने की आज्ञा दे देगा। मिस्री लोग चरवाहों को पसन्द नहीं करते, इसलिए अच्छा यही होगा कि आप लोग गीशोन में ही ठहरें।”
بگویید: 'ما از دوران كودكی مانند اجدادمان چوپان بودیم و از گلّههای خود مواظبت میكنیم.' به این ترتیب او به شما اجازه میدهد كه در منطقهٔ جوشن ساكن شوید.» یوسف این را بهخاطر این گفت كه مصریها چوپانان را ناپاک میدانستند.