Psalms 122

Ich freute mich, als sie zu mir sagten: Lasset uns zum Hause Jehovas gehen!
जब लोगों ने मुझसे कहा, “आओ, यहोवा के मन्दिर में चलें तब मैं बहुत प्रसन्न हुआ।”
Unsere Füße werden in deinen Toren stehen, Jerusalem!
यहाँ हम यरूशलेम के द्वारों पर खड़े हैं।
Jerusalem, die du aufgebaut bist als eine fest in sich geschlossene Stadt,
यह नया यरूशलेम है। जिसको एक संगठित नगर के रूप में बनाया गया।
wohin die Stämme hinaufziehen, die Stämme Jahs, ein Zeugnis für Israel, zu preisen den Namen Jehovas!
ये परिवार समूह थे जो परमेश्वर के वहाँ पर जाते हैं। इस्राएल के लोग वहाँ पर यहोवा का गुणगान करने जाते हैं। वे वह परिवार समूह थे जो यहोवा से सम्बन्धित थे।
Denn daselbst stehen die Throne zum Gericht, die Throne des Hauses Davids.
यही वह स्थान है जहाँ दाऊद के घराने के राजाओं ने अपने सिंहासन स्थापित किये। उन्होंने अपना सिंहासन लोगों का न्याय करने के लिये स्थापित किया।
Bittet um die Wohlfahrt Jerusalems! Es gehe wohl denen, die dich lieben!
तुम यरूशलेम में शांति हेतू विनती करो। “ऐसे लोग जो तुझसे प्रेम रखते हैं, वहाँ शांति पावें यह मेरी कामना है।
Wohlfahrt sei in deinen Festungswerken, sichere Ruhe in deinen Palästen!
तुम्हारे परकोटों के भीतर शांति का वास है। यह मेरी कामना है। तुम्हारे विशाल भवनों में सुरक्षा बनी रहे यह मेरी कामना है।”
Um meiner Brüder und meiner Genossen willen will ich sagen: Wohlfahrt sei in dir!
मैं प्रार्थना करता हूँ अपने पड़ोसियों के और अन्य इस्राएलवासियों के लिये वहाँ शांति का वास हो।
Um des Hauses Jehovas, unseres Gottes, willen will ich dein Bestes suchen.
हे यहोवा, हमारे परमेश्वर के मन्दिर के भले हेतू मैं प्रार्थना करता हूँ, कि इस नगर में भली बाते घटित हों।