Psalms 122

فَرِحْتُ بِالْقَائِلِينَ لِي: «إِلَى بَيْتِ الرَّبِّ نَذْهَبُ».
जब लोगों ने मुझसे कहा, “आओ, यहोवा के मन्दिर में चलें तब मैं बहुत प्रसन्न हुआ।”
تَقِفُ أَرْجُلُنَا فِي أَبْوَابِكِ يَا أُورُشَلِيمُ.
यहाँ हम यरूशलेम के द्वारों पर खड़े हैं।
أُورُشَلِيمُ الْمَبْنِيَّةُ كَمَدِينَةٍ مُتَّصِلَةٍ كُلِّهَا،
यह नया यरूशलेम है। जिसको एक संगठित नगर के रूप में बनाया गया।
حَيْثُ صَعِدَتِ الأَسْبَاطُ، أَسْبَاطُ الرَّبِّ، شَهَادَةً لإِسْرَائِيلَ، لِيَحْمَدُوا اسْمَ الرَّبِّ.
ये परिवार समूह थे जो परमेश्वर के वहाँ पर जाते हैं। इस्राएल के लोग वहाँ पर यहोवा का गुणगान करने जाते हैं। वे वह परिवार समूह थे जो यहोवा से सम्बन्धित थे।
لأَنَّهُ هُنَاكَ اسْتَوَتِ الْكَرَاسِيُّ لِلْقَضَاءِ، كَرَاسِيُّ بَيْتِ دَاوُدَ.
यही वह स्थान है जहाँ दाऊद के घराने के राजाओं ने अपने सिंहासन स्थापित किये। उन्होंने अपना सिंहासन लोगों का न्याय करने के लिये स्थापित किया।
اسْأَلُوا سَلاَمَةَ أُورُشَلِيمَ: «لِيَسْتَرِحْ مُحِبُّوكِ.
तुम यरूशलेम में शांति हेतू विनती करो। “ऐसे लोग जो तुझसे प्रेम रखते हैं, वहाँ शांति पावें यह मेरी कामना है।
لِيَكُنْ سَلاَمٌ فِي أَبْرَاجِكِ، رَاحَةٌ فِي قُصُورِكِ».
तुम्हारे परकोटों के भीतर शांति का वास है। यह मेरी कामना है। तुम्हारे विशाल भवनों में सुरक्षा बनी रहे यह मेरी कामना है।”
مِنْ أَجْلِ إِخْوَتِي وَأَصْحَابِي لأَقُولَنَّ: «سَلاَمٌ بِكِ».
मैं प्रार्थना करता हूँ अपने पड़ोसियों के और अन्य इस्राएलवासियों के लिये वहाँ शांति का वास हो।
مِنْ أَجْلِ بَيْتِ الرَّبِّ إِلهِنَا أَلْتَمِسُ لَكِ خَيْرًا.
हे यहोवा, हमारे परमेश्वर के मन्दिर के भले हेतू मैं प्रार्थना करता हूँ, कि इस नगर में भली बाते घटित हों।