وَإِلَى الشَّيْخُوخَةِ أَنَا هُوَ، وَإِلَى الشَّيْبَةِ أَنَا أَحْمِلُ. قَدْ فَعَلْتُ، وَأَنَا أَرْفَعُ، وَأَنَا أَحْمِلُ وَأُنَجِّي.
मैं तुम्हें तब से धारण किए हूँ जब से तुम्हारा जन्म हुआ है और मैं तुम्हें तब भी धारण करूँगा, जब तुम बूढ़े हो जाओगे। तुम्हारे बाल सफेद हो जायेंगे, मैं तब भी तुम्हें धारण किए रहूँगा क्योंकि मैंने तुम्हारी रचना की है। मैं तुम्हें निरन्तर धारण किए रहूँगा और तुम्हारी रक्षा करूँगा।