وَأَنْتِ اطْمَأْنَنْتِ فِي شَرِّكِ. قُلْتِ: لَيْسَ مَنْ يَرَانِي. حِكْمَتُكِ وَمَعْرِفَتُكِ هُمَا أَفْتَنَاكِ، فَقُلْتِ فِي قَلْبِكِ: أَنَا وَلَيْسَ غَيْرِي.
तू बुरे काम करती है, फिर भी तू अपने को सुरक्षित समझती है।
तू कहा करती है, ‘तेरे बुरे काम को कोई नहीं देखता।’
तू बुरे काम करती है किन्तु तू सोचती है कि तेरी बुद्धि और तेरा ज्ञान तुझको बचा लेंगे।
तू स्वयं को सोचती है कि, ‘बस एक तू ही महत्त्वपूर्ण है।
तेरे जैसा और कोई भी दूसरा नहीं है।’