«وَهذِهِ لَكَ الْعَلاَمَةُ: تَأْكُلُونَ هذِهِ السَّنَةَ زِرِّيعًا، وَفِي السَّنَةِ الثَّانِيَةِ خِلْفَةً، وَأَمَّا السَّنَةُ الثَّالِثَةُ فَفِيهَا تَزْرَعُونَ وَتَحْصِدُونَ، وَتَغْرِسُونَ كُرُومًا وَتَأْكُلُونَ أَثْمَارَهَا.
इस पर यहोवा ने हिजकिय्याह से कहा, “हिजकिय्याह, तुझे यह दिखाने के लिये कि ये शब्द सच्चे हैं, मैं तुझे एक संकेत दूँगा। इस वर्ष तू खाने के लिए कोई अनाज नहीं बोयेगा। सो इस वर्ष तू पिछले वर्ष की फसल से यूँ ही उग आये अनाज को खायेगा। अगले वर्ष भी ऐसी ही होगा किन्तु तीसरे वर्ष तू उस अनाज को खायेगा जिसे तूने उगाया होगा। तू अपनी फसलों को काटेगा। तेरे पास खाने को भरपूर होगा। तू अँगूर की बेलें रोपेगा और उनके फल खायेगा।