وَقَالَ لِي: «مَخَادِعُ الشِّمَالِ وَمَخَادِعُ الْجَنُوبِ الَّتِي أَمَامَ الْمَكَانِ الْمُنْفَصِلِ هِيَ مَخَادِعُ مُقَدَّسَةٌ، حَيْثُ يَأْكُلُ الْكَهَنَةُ الَّذِينَ يَتَقَرَّبُونَ إِلَى الرَّبِّ قُدْسَ الأَقْدَاسِ. هُنَاكَ يَضَعُونَ قُدْسَ الأَقْدَاسِ وَالتَّقْدِمَةَ وَذَبِيحَةَ الْخَطِيَّةِ وَذَبِيحَةَ الإِثْمِ، لأَنَّ الْمَكَانَ مُقَدَّسٌ.
उस व्यक्ति ने मुझसे कहा, “आँगन के आर—पार वाले दक्षिण के कमरे और उत्तर के कमरे पवित्र कमरे हैं। ये उन याजकों के कमरे हैं जो यहोवा को बलि—भेंट चढ़ाते हैं। वे याजक इन कमरों में अति पवित्र भेंट को खाएंगे। वे सर्वाधिक पवित्र भेंट को वहाँ रखेंगे। क्यों क्योंकि यह स्थान पवित्र है। सर्वाधिक पवित्र भेंट ये हैं: अन्न भेंट, पाप के लिये भेंट और अपराध के लिये भेंट।