«وَخُذْ أَنْتَ لِنَفْسِكَ قَمْحًا وَشَعِيرًا وَفُولاً وَعَدَسًا وَدُخْنًا وَكَرْسَنَّةَ وَضَعْهَا فِي وِعَاءٍ وَاحِدٍ، وَاصْنَعْهَا لِنَفْسِكَ خُبْزًا كَعَدَدِ الأَيَّامِ الَّتِي تَتَّكِئُ فِيهَا عَلَى جَنْبِكَ. ثَلاَثَ مِئَةِ يَوْمٍ وَتِسْعِينَ يَوْمًا تَأْكُلُهُ.
परमेश्वर ने यह भी कहा, “तुम्हें होटी बनाने के लिये कुछ अन्न लाना चाहिए। कुछ गेहूँ, जौ, सेम, मसूर, तिल, बाजरा और कठिया गेहूँ लाओ। इस सभी को एक कटोरे में मिलाओ और उन्हें पीसकर आटा बनाओ। तुम्हें इस आटे का उपयोग रोटी बनाने के लिये करना होगा। तुम केवल इसी रोटी को तीन सौ नब्बे दिनों तक अपनी बगल के सहारे लेटे हुये खाओगे।