مِنْ أَجْلِ ذلِكَ حَيٌّ أَنَا، يَقُولُ السَّيِّدُ الرَّبُّ، مِنْ أَجْلِ أَنَّكِ قَدْ نَجَّسْتِ مَقْدِسِي بِكُلِّ مَكْرُهَاتِكِ وَبِكُلِّ أَرْجَاسِكِ، فَأَنَا أَيْضًا أَجُزُّ وَلاَ تُشْفُقُ عَيْنِي، وَأَنَا أَيْضًا لاَ أَعْفُو.
मेरे स्वामी यहोवा कहता है, “यरूशलेम, मैं अपने जीवन की शपथ खाकर कहता हूँ कि मैं तुम्हें दण्ड दूँगा! मैं प्रतिज्ञा करता हूँ कि मैं तुम्हें दण्ड दूँगा। क्यों क्योंकि तुमने मेरे ‘पवित्र स्थान’ के विरुद्ध भयंकर पाप किया! तुमने वे भयानक काम किये जिन्होंने इसे गन्दा बना दिया! मैं तुम्हें दण्ड दूँगा। मैं तुम पर दया नहीं करुँगा! मैं तुम्हारे लिए दुःख का अनुभव नहीं करुँगा!