اِفْرَحْ أَيُّهَا الشَّابُّ في حَدَاثَتِكَ، وَلْيَسُرَّكَ قَلْبُكَ فِي أَيَّامِ شَبَابِكَ، وَاسْلُكْ فِي طُرُقِ قَلْبِكَ وَبِمَرْأَى عَيْنَيْكَ، وَاعْلَمْ أَنَّهُ عَلَى هذِهِ الأُمُورِ كُلِّهَا يَأْتِي بِكَ اللهُ إِلَى الدَّيْنُونَةِ.
सो हे युवकों! जब तक तुम जवान हो, आनन्द मनाओ। प्रसन्न रहो! और जो तुम्हारा मन चाहे, वही करो। जो तुम्हारी इच्छा हो वह करो। किन्तु याद रखो तुम्हारे प्रत्येक कार्य के लिये परमेश्वर तुम्हारा न्याय करेगा।