I Thessalonians 2

لأَنَّكُمْ أَنْتُمْ أَيُّهَا الإِخْوَةُ تَعْلَمُونَ دُخُولَنَا إِلَيْكُمْ أَنَّهُ لَمْ يَكُنْ بَاطِلاً،
हे भाइयों, तुम्हारे पास हमारे आने के सम्बन्ध में तुम स्वयं ही जानते हो कि वह निरर्थक नहीं था।
بَلْ بَعْدَ مَا تَأَلَّمْنَا قَبْلاً وَبُغِيَ عَلَيْنَا كَمَا تَعْلَمُونَ، فِي فِيلِبِّي، جَاهَرْنَا فِي إِلهِنَا أَنْ نُكَلِّمَكُمْ بِإِنْجِيلِ اللهِ، فِي جِهَادٍ كَثِيرٍ.
तुम जानते हो कि फिलिप्पी में यातनाएँ झेलने और दुर्व्यवहार सहने के बाद भी परमेश्वर की सहायता से हमें कड़े विरोध के रहते हुए भी परमेश्वर के सुसमाचार को सुनाने का साहस प्राप्त हुआ।
لأَنَّ وَعْظَنَا لَيْسَ عَنْ ضَلاَل، وَلاَ عَنْ دَنَسٍ، وَلاَ بِمَكْرٍ،
निश्चय ही हम जब लोगों का ध्यान अपने उपदेशों की ओर खींचना चाहते हैं तो वह इसलिए नहीं कि हम कोई भटके हुए हैं। और न ही इसलिए कि हमारे उद्देश्य दूषित हैं और इसलिए भी नहीं कि हम लोगों को छलने का जतन करते हैं।
بَلْ كَمَا اسْتُحْسِنَّا مِنَ اللهِ أَنْ نُؤْتَمَنَ عَلَى الإِنْجِيلِ، هكَذَا نَتَكَلَّمُ، لاَ كَأَنَّنَا نُرْضِي النَّاسَ بَلِ اللهَ الَّذِي يَخْتَبِرُ قُلُوبَنَا.
हम लोगों को खुश करने की कोशिश नहीं करते बल्कि हम तो उस परमेश्वर को प्रसन्न करते हैं जो हमारे मन का भेद जानता है।
فَإِنَّنَا لَمْ نَكُنْ قَطُّ فِي كَلاَمِ تَمَلُّق كَمَا تَعْلَمُونَ، وَلاَ فِي عِلَّةِ طَمَعٍ. اَللهُ شَاهِدٌ.
निश्चय ही हम कभी भी चापलोसी की बातों के साथ तुम्हारे सामने नहीं आये। जैसा कि तुम जानते ही हो, हमारा उपदेश किसी लोभ का बहाना नहीं है। परमेश्वर साक्षी है
وَلاَ طَلَبْنَا مَجْدًا مِنَ النَّاسِ، لاَ مِنْكُمْ وَلاَ مِنْ غَيْرِكُمْ مَعَ أَنَّنَا قَادِرُونَ أَنْ نَكُونَ فِي وَقَارٍ كَرُسُلِ الْمَسِيحِ.
हमने लोगों से कोई मान सम्मान भी नहीं चाहा। न तुमसे और न ही किसी और से।
بَلْ كُنَّا مُتَرَفِّقِينَ فِي وَسَطِكُمْ كَمَا تُرَبِّي الْمُرْضِعَةُ أَوْلاَدَهَا،
यद्यपि हम मसीह के प्रेरितों के रूप में अपना अधिकार जता सकते थे किन्तु हम तुम्हारे बीच वैसे ही नम्रता के साथ रहे जैसे एक माँ अपने बच्चे को दूध पिला कर उसका पालन-पोषण करती है।
هكَذَا إِذْ كُنَّا حَانِّينَ إِلَيْكُمْ، كُنَّا نَرْضَى أَنْ نُعْطِيَكُمْ، لاَ إِنْجِيلَ اللهِ فَقَطْ بَلْ أَنْفُسَنَا أَيْضًا، لأَنَّكُمْ صِرْتُمْ مَحْبُوبِينَ إِلَيْنَا.
हमने तुम्हारे प्रति वैसी ही नम्रता का अनुभव किया है, इसलिए परमेश्वर से मिले सुसमाचार को ही नहीं, बल्कि स्वयं अपने आपको भी हम तुम्हारे साथ बाँट लेना चाहते हैं क्योंकि तुम हमारे प्रिय हो गये हो।
فَإِنَّكُمْ تَذْكُرُونَ أَيُّهَا الإِخْوَةُ تَعَبَنَا وَكَدَّنَا، إِذْ كُنَّا نَكْرِزُ لَكُمْ بِإِنْجِيلِ اللهِ، وَنَحْنُ عَامِلُونَ لَيْلاً وَنَهَارًا كَيْ لاَ نُثَقِّلَ عَلَى أَحَدٍ مِنْكُمْ.
हे भाइयों, तुमहमारे कठोर परिश्रम और कठिनाई को याद रखो जो हम ने दिन-रात इसलिए किया है ताकि हम परमेश्वर के सुसमाचार को सुनाते हुए तुम पर बोझ न बनें।
أَنْتُمْ شُهُودٌ، وَاللهُ، كَيْفَ بِطَهَارَةٍ وَبِبِرّ وَبِلاَ لَوْمٍ كُنَّا بَيْنَكُمْ أَنْتُمُ الْمُؤْمِنِينَ.
तुम साक्षी हो और परमेश्वर भी साक्षी है कि तुम विश्वासियों के प्रति हमने कितनी आस्था, धार्मिकता और दोष रहितता के साथ व्यवहार किया है।
كَمَا تَعْلَمُونَ كَيْفَ كُنَّا نَعِظُ كُلَّ وَاحِدٍ مِنْكُمْ كَالأَبِ لأَوْلاَدِهِ، وَنُشَجِّعُكُمْ،
तुम जानते ही हो कि जैसे एक पिता अपने बच्चों के साथ व्यवहार करता है
وَنُشْهِدُكُمْ لِكَيْ تَسْلُكُوا كَمَا يَحِقُِّللهِ الَّذِي دَعَاكُمْ إِلَى مَلَكُوتِهِ وَمَجْدِهِ.
वैसे ही हमने तुम में से हर एक को आग्रह के साथ सुख चैन दिया है। और उस रीति से जाने को कहा है जिससे परमेश्वर, जिसने तुम्हें अपने राज्य और महिमा में बुला भेजा है, प्रसन्न होता है।
مِنْ أَجْلِ ذلِكَ نَحْنُ أَيْضًا نَشْكُرُ اللهَ بِلاَ انْقِطَاعٍ، لأَنَّكُمْ إِذْ تَسَلَّمْتُمْ مِنَّا كَلِمَةَ خَبَرٍ مِنَ اللهِ، قَبِلْتُمُوهَا لاَ كَكَلِمَةِ أُنَاسٍ، بَلْ كَمَا هِيَ بِالْحَقِيقَةِ كَكَلِمَةِ اللهِ، الَّتِي تَعْمَلُ أَيْضًا فِيكُمْ أَنْتُمُ الْمُؤْمِنِينَ.
और इसलिए हम परमेश्वर का धन्यवाद निरन्तर करते रहते हैं क्योंकि हमसे तुमने जब परमेश्वर का वचन ग्रहण किया तो उसे मानवीय सन्देश के रूप में नहीं बल्कि परमेश्वर के सन्देश के रूप में ग्रहण किया, जैसा कि वह वास्तव में है। और तुम विश्वासियों पर जिसका प्रभाव भी है।
فَإِنِّكُمْ أَيُّهَا الإِخْوَةُ صِرْتُمْ مُتَمَثِّلِينَ بِكَنَائِسِ اللهِ الَّتِي هِيَ فِي الْيَهُودِيَّةِ فِي الْمَسِيحِ يَسُوعَ، لأَنَّكُمْ تَأَلَّمْتُمْ أَنْتُمْ أَيْضًا مِنْ أَهْلِ عَشِيرَتِكُمْ تِلْكَ الآلاَمَ عَيْنَهَا، كَمَا هُمْ أَيْضًا مِنَ الْيَهُودِ،
हे भाईयों, तुम यहूदियों में स्थित मसीह यीशु में परमेश्वर की कलीसियाओं का अनुसरण करते रहे हो। तुमने अपने साथी देश-भाईयों से वैसी ही यातनाएँ झेली हैं जैसी उन्होंने उन यहूदियों के हाथों झेली थीं।
الَّذِينَ قَتَلُوا الرَّبَّ يَسُوعَ وَأَنْبِيَاءَهُمْ، وَاضْطَهَدُونَا نَحْنُ. وَهُمْ غَيْرُ مُرْضِينَ ِللهِ وَأَضْدَادٌ لِجَمِيعِ النَّاسِ.
जिन्होंने प्रभु यीशु को मार डाला और नबियों को बाहर खदेड़ दिया। वे परमेश्वर को प्रसन्न नहीं करते वे तो समूची मानवता के विरोधी हैं।
يَمْنَعُونَنَا عَنْ أَنْ نُكَلِّمَ الأُمَمَ لِكَيْ يَخْلُصُوا، حَتَّى يُتَمِّمُوا خَطَايَاهُمْ كُلَّ حِينٍ. وَلكِنْ قَدْ أَدْرَكَهُمُ الْغَضَبُ إِلَى النِّهَايَةِ.
वे विधर्मियों को सुसमाचार का उपदेश देने में बाधा खड़ी करते हैं कि कहीं उन लोगों का उद्धार न हो जाये। इन बातों में वे सदा अपने पापों का घड़ा भरते रहते हैं और अन्ततः अब तो परमेश्वर का प्रकोप उन पर पूरी तरह से आ पड़ा है।
وَأَمَّا نَحْنُ أَيُّهَا الإِخْوَةُ، فَإِذْ قَدْ فَقَدْنَاكُمْ زَمَانَ سَاعَةٍ، بِالْوَجْهِ لاَ بِالْقَلْبِ، اجْتَهَدْنَا أَكْثَرَ، بِاشْتِهَاءٍ كَثِيرٍ، أَنْ نَرَى وُجُوهَكُمْ.
हे भाईयों, जहाँ तक हमारी बात है, हम थोड़े समय के लिये तुमसे बिछड़ गये थे। विचारों से नहीं, केवल शरीर से। सो हम तुमसे मिलने को बहुत उतावले हो उठे। हमारी इच्छा तीव्र हो उठी थी।
لِذلِكَ أَرَدْنَا أَنْ نَأْتِيَ إِلَيْكُمْ ­ أَنَا بُولُسَ ­ مَرَّةً وَمَرَّتَيْنِ. وَإِنَّمَا عَاقَنَا الشَّيْطَانُ.
हाँ! हम तुमसे मिलने के लिए बहुत जतन कर रहे थे। मुझ पौलुस ने अनेक बार प्रयत्न किया किन्तु शैतान ने उसमें बाधा डाली।
لأَنْ مَنْ هُوَ رَجَاؤُنَا وَفَرَحُنَا وَإِكْلِيلُ افْتِخَارِنَا؟ أَمْ لَسْتُمْ أَنْتُمْ أَيْضًا أَمَامَ رَبِّنَا يَسُوعَ الْمَسِيحِ فِي مَجِيئِهِ؟
भला बताओ तो हमारी आशा, हमारा उल्लास या हमारा वह मुकुट जिस पर हमें इतना गर्व है, क्या है? क्या वह तुम्हीं नहीं हो। हमारे प्रभु यीशु के दुबारा आने पर जब हम उसके सामने उपस्थित होंगे
لأَنَّكُمْ أَنْتُمْ مَجْدُنَا وَفَرَحُنَا.
तो वहाँ तुम हमारी महिमा और हमारा आनन्द होगे।