وَأَمَّا الآنَ فَكَتَبْتُ إِلَيْكُمْ: إِنْ كَانَ أَحَدٌ مَدْعُوٌّ أَخًا زَانِيًا أَوْ طَمَّاعًا أَوْ عَابِدَ وَثَنٍ أَوْ شَتَّامًا أَوْ سِكِّيرًا أَوْ خَاطِفًا، أَنْ لاَ تُخَالِطُوا وَلاَ تُؤَاكِلُوا مِثْلَ هذَا.
किन्तु मैंने तुम्हें जो लिखा है, वह यह है कि किसी ऐसे व्यक्ति से नाता मत रखो जो अपने आपको मसीही बन्धु कहला कर भी व्यभिचारी, लोभी, मूर्तिपूजक चुगलखोर, पियक्कड़ या एक ठग है। ऐसे व्यक्ति के साथ तो भोजन भी ग्रहण मत करो।