सर्वशक्तिमान यहावा कहता है, “मैं सच ही, सिय्योन से प्रेम करता हूँ। मैं उससे इतना प्रेम करता हूँ कि जब वह मेरी विशवासपात्र न रही, तब मैं उस पर क्रोधित हो गया।”
सर्वशक्तिमान यहोवा कहता है, “यरूशलेम में फिर बुढे स्त्री—पुरूष समाजिक स्थलों में दिखाई पङेंगे। लोग इतनी लम्बी आयु तक जीवीत रहेंगेकि उन्हें सहरे की छङी की आवश्यकता होगी
सर्वशक्तिमान यहोवा कहता है, “शक्तिशाली बनो! लोगों, तुम आज वही सन्देश सुन रहे हो, जिसे नबियों ने तब दिया था जब सर्वशक्तिमान यहोवा ने अपने मंदिर को फिर से बनाने के लिये नींव डाली।
उस समय के पहले लोगों के पास श्रमिकों को मजदुरी पर रखने या जानवर को किराये पर रखने के लिये धन नहीं था और मनुष्यों का आवागमन सुरक्षित नही था। सारी आपत्तियों से किसी प्रकार की मुक्ति नही थी। मैंने हर एक को पङोसी के विरूद्ध कर दिया था।
लाग अपने शापों में यरूशलेम और यहुदा का नाम लेने लगे हैं। किन्तु मैं इस्राइल और यहुदा को बचाऊँगा और उनके नाम वरदान के रूप मैं प्रमाणित होने लगेंगे। अत: डरो नही।शक्तिशाली बनो!”
सर्वशक्तिमान यहोवा कहता है, “तुम्हारे पूर्वजों ने मुझे क्रोधित किया था। अत: मैंने उन्हें नष्ट करने का निर्णय लिया। मैंने अपने इरादे को न बदलने का निश्यच किया।” सर्वशक्तिमान यहोवा ने यह सब कहा।
अपने पङोसियों को चाट पहुँचाने के लिये गुप्त योजनायें न बनाओ! झुठी प्रतिज्ञायें न करो! ऐसा करने में तुम्हें आन्नद नही लेना चाहिये। क्यों क्योंकि मैं उन बातों से घृणा करता हूँ।” यहोवा ने यह सब कहा।
सर्वशक्तिमान यहोवा कहता है, “शोक मनाने और उपवास के विशेष दिन चौथे महीने, पाँचवें महीने, सातवें महीने और दसवें महीने में हैं। वे शोक के दिन प्रसन्नता के दिन में बदल जाने चाहिये। वे अच्छे और प्रसन्ननता के दिन में बदल जाने चाहिये। वो अच्छे और प्रसन्ननता के पवित्र दिन होंगे और तम्हें सत्य और शान्ति से प्रेम करना चाहिये!”
सर्वशक्तिमान यहोवा कहता है, “उस समय विभन्न राष्ट्रों से विभन्न भाषाओ को बदलने वाले दस व्यक्ति एक यहुदी के चादर का पल्ला पकङेंगे और कहेंगे हमने सुना है कि परमेश्वर तुम्हारे साथ है। क्या हम उसकी उपासना करने तम्हारे साथ आ सकते हैं।”