मुखियों, इस संदेश को सुनो!
हे इस धरती के निवासियों, तुम सभी मेरी बात सुनो।
क्या तुम्हारे जीवन काल में पहले कभी कोई ऐसी बात घटी है नहीं!
क्या तुम्हारे पुरखों के समय में कभी कोई ऐसी बात घटी है नहीं!
इन बातों के बारे में तुम अपने बच्चों को बताया करोगे
और तुम्हारे बच्चे ये बातें अपने बच्चों को बताया करेंगे
और तुम्हारे नाती पोते ये बातें अगली पीढ़ियों को बतायेंगे।
कुतरती हुई टिड्डियों से जो कुछ भी बचा,
उसको भिन्नाती हुई टिड्डियों ने खा लिया
और भिन्नाती टिड्डियों से जो कुछ बचा,
उसको फुदकती टिड्डियों ने खा लिया है
और फुदकती टिड्डियों से जो कुछ रह गया,
उसे विनाशकारी टिड्डियों ने चट कर डाला है!
ओ मतवालों, जागो, उठो और रोओ!
ओ सभी लोगों दाखमधु पीने वालों, विलाप करो।
क्योंकि तुम्हारी मधुर दाखमधु अब समाप्त हो चुकी है।
अब तुम, उसका नया स्वाद नहीं पाओगे।
देखो, विशाल शक्तिशाली लोग मेरे देश पर आक्रमण करने को आ रहे हैं।
उनके साथ अनगिनत सैनिक हैं।
वे “टिड्डे” (शत्रु के सैनिक) तुम्हें फाड़ डालने में समर्थ होंगे!
उनके दाँत सिंह के दाँतों जैसे हैं।
वे “टिड्डे” मेरे बागों के अंगूर चट कर जायेंगे!
वे मेरे अंजीर के पेड़ नष्ट कर देंगे।
वे मेरे पेड़ों को छाल तक चट कर जायेंगे।
उनकी टहनियाँ पीली पड़ जायेंगी और वे पेड़ सूख जायेंगे।
अंगूर की बेलें सूख गयी हैं
और अंजीर के पेड़ मुरझा रहे हैं।
अनार के पेड़ खजूर के पेड़
और सेब के पेड़—बगीचे के ये सभी पेड़ सूख गये हैं।
लोगों के बीच में प्रसन्नता मर गयी है।
हे याजकों, शोक वस्त्र धारण करो, जोर से विलाप करो।
हे वेदी के सेवकों, जोर से विलाप करो।
हे मेरे परमेश्वर के दासों, अपने शोक वस्त्रों में तुम सो जाओगा।
क्योंकि अब वहाँ अन्न और पेय भेंट परमेश्वर के मन्दिर में नहीं होंगी।
लोगों को बता दो कि एक ऐसा समय आयेगा जब भोजन नहीं किया जायेगा। एक विशेष सभा के लिए लोगों को बुला लो। सभा में मुखियाओं और उस धरती पर रहने वाले सभी लोगों को इकट्ठा करो। उन्हें अपने यहोवा परमेश्वर के मन्दिर में ले आओ और यहोवा से विनती करो।