Song of Solomon 3

in lectulo meo per noctes quaesivi quem diligit anima mea quaesivi illum et non inveni
हर रात अपनी सेज पर मैं अपने मन में उसे ढूँढती हूँ। जो पुरुष मेरा प्रिय है, मैंने उसे ढूँढा है, किन्तु मैंने उसे नहीं पाया!
surgam et circuibo civitatem per vicos et plateas quaeram quem diligit anima mea quaesivi illum et non inveni
अब मैं उठूँगी! मैं नगर के चारों गलियों, बाज़ारों में जाऊँगी। मैं उसे ढूढूँगी जिसको मैं प्रेम करती हूँ। मैंने वह पुरुष ढूँढा पर वह मुझे नहीं मिला!
invenerunt me vigiles qui custodiunt civitatem num quem dilexit anima mea vidistis
मुझे नगर के पहरेदार मिले। मैंने उनसे पूछा, “क्या तूने उस पुरुष को देखा जिसे मैं प्यार करती हूँ?”
paululum cum pertransissem eos inveni quem diligit anima mea tenui eum nec dimittam donec introducam illum in domum matris meae et in cubiculum genetricis meae
पहरेदारों से मैं अभी थोड़ी ही दूर गई कि मुझको मेरा प्रियतम मिल गया! मैंने उसे पकड़ लिया और तब तक जाने नहीं दिया जब तक मैं उसे अपनी माता के घर में न ले आई अर्थात् उस स्त्री के कक्ष में जिसने मुझे गर्भ में धरा था।
adiuro vos filiae Hierusalem per capreas cervosque camporum ne suscitetis neque evigilare faciatis dilectam donec ipsa velit
यरूशलेम की कुमारियों, कुरंगों और जंगली हिरणियों को साक्षी मान कर मुझको वचन दो, प्रेम को मत जगाओ, प्रेम को मत उकसाओ, जब तक मैं तैयार न हो जाऊँ।
quae est ista quae ascendit per desertum sicut virgula fumi ex aromatibus murrae et turis et universi pulveris pigmentarii
यह कुमारी कौन है जो मरुभूमि से लोगों की इस बड़ी भीड़ के साथ आ रही है? धूल उनके पीछे से यूँ उठ रही है मानों कोई धुएँ का बादल हो। जो धूआँ जलते हुए गन्ध रस, धूप और अन्य गंध मसाले से निकल रही हो।
en lectulum Salomonis sexaginta fortes ambiunt ex fortissimis Israhel
सुलैमान की पालकी को देखो! उसकी यात्रा की पालकी को साठ सैनिक घेरे हुए हैं। इस्राएल के शक्तिशाली सैनिक!
omnes tenentes gladios et ad bella doctissimi uniuscuiusque ensis super femur suum propter timores nocturnos
वे सभी सैनिक तलवारों से सुसज्जित हैं जो युद्ध में निपुण हैं; हर व्यक्ति की बगल में तलवार लटकती है, जो रात के भयानक खतरों के लिये तत्पर हैं!
ferculum fecit sibi rex Salomon de lignis Libani
राजा सुलैमान ने यात्रा हेतु अपने लिये एक पालकी बनवाई है, जिसे लबानोन की लकड़ी से बनाया गया है।
columnas eius fecit argenteas reclinatorium aureum ascensum purpureum media caritate constravit propter filias Hierusalem
उसने यात्रा की पालकी के बल्लों को चाँदी से बनाया और उसकी टेक सोने से बनायी गई। पालकी की गद्दी को उसने बैंगनी वस्त्र से ढँका और यह यरूशलेम की पुत्रियों के द्वारा प्रेम से बुना गया था।
egredimini et videte filiae Sion regem Salomonem in diademate quo coronavit eum mater sua in die disponsionis illius et in die laetitiae cordis eius
सिय्योन के पुत्रियों, बाहर आ कर राजा सुलैमान को उसके मुकुट के साथ देखो जो उसको उसकी माता ने उस दिन पहनाया था जब वह ब्याहा गया था, उस दिन वह बहुत प्रसन्न था!