Psalms 120

canticum graduum ad Dominum in tribulatione mea clamavi et exaudivit me
मैं संकट में पड़ा था, सहारा पाने के लिए मैंने यहोवा को पुकारा और उसने मुझे बचा लिया।
Domine libera animam meam a labio mendacii a lingua dolosa
हे यहोवा, मुझे तू उन ऐसे लोगों से बचा ले जिन्होंने मेरे विषय में झूठ बोला है।
quid detur tibi aut quid adponatur tibi ad linguam dolosam
अरे ओ झूठों, क्या तुम यह जानते हो कि परमेश्वर तुमको कैसे दण्ड देगा
sagittae potentis acutae cum carbonibus iuniperorum
तुम्हें दण्ड देने के लिए परमेश्वर योद्धा के नुकीले तीर और धधकते हुए अंगारे काम में लाएगा।
heu mihi quia peregrinatio mea prolongata est habitavi cum tabernaculis Cedar
झूठों, तुम्हारे निकट रहना ऐसा है, जैसे कि मेशेक के देश में रहना। यह रहना ऐसा है जैसे केवार के खेतों में रहना है।
multum peregrinata est anima mea
जो शांति के बैरी है ऐसे लोगों के संग मैं बहुत दिन रहा हूँ।
cum odientibus pacem ego pacifica loquebar et illi bellantia
मैंने यह कहा था मुझे शांति चाहिए क्यों वे लोग युद्ध को चाहते हैं।