Psalms 110

David canticum dixit Dominus Domino meo sede a dextris meis donec ponam inimicos tuos scabillum pedum tuorum
यहोवा ने मेरे स्वामी से कहा, “तू मेरे दाहिने बैठ जा, जब तक कि मैं तेरे शत्रुओं को तेरे पाँव की चौकी नहीं कर दूँ।”
virgam fortitudinis tuae emittet Dominus ex Sion dominare in medio inimicorum tuorum
तेरे राज्य के विकास में यहोवा सहारा देगा। तेरे राज्य का आरम्भ सिय्योन पर होगा, और उसका विकास तब तक होता रहेगा, जब तक तू अपने शत्रुओं पर उनके अपने ही देश में राज करेगा।
populi tui spontanei erunt in die fortitudinis tuae in montibus sanctis quasi de vulva orietur tibi ros adulescentiae tuae
तेरे पराक्रम के दिन तेरी प्रजा के लोग स्वेच्छा वलि बनेंगे। तेरे जवान पवित्रता से सुशोभित भोर के गर्भ से जन्मी ओस के समान तेरे पास है।
iuravit Dominus et non paenitebit eum tu es sacerdos in aeternum secundum ordinem Melchisedech
यहोवा ने एक वचन दिया, और यहोवा अपना मन नहीं बदलेगा: “तू नित्य याजक है। किन्तु हारून के परिवार समूह से नहीं। तेरी याजकी भिन्न है। तू मेल्कीसेदेक के समूह की रीति का याजक है।”
Dominus ad dexteram tuam percussit in die furoris sui reges
मेरे स्वामी, तूने उस दिन अपना क्रोध प्रकट किया था। अपने महाशक्ति को काम में लिया था और दूसरे राजाओं को तूने हरा दिया था।
iudicabit in gentibus implebit valles percutiet caput in terra multa
परमेश्वर राष्ट्रों का न्याय करेगा। परमेश्वर ने उस महान धरती पर शत्रुओं को हरा दिया। उनकी मृत देहों से धरती फट गयी थी।
de torrente in via bibet propterea exaltabit caput
राह के झरने से जल पी के ही राजा अपना सिर उठायेगा और सचमुच बलशाली होगा!