II Corinthians 9

nam de ministerio quod fit in sanctos ex abundanti est mihi scribere vobis
अब संतों की सेवा के विषय में, तुम्हें इस प्रकार लिखते चले जाना मेरे लिये आवश्यक नहीं है।
scio enim promptum animum vestrum pro quo de vobis glorior apud Macedonas quoniam Achaia parata est ab anno praeterito et vestra aemulatio provocavit plurimos
क्योंकि सहायता के लिये तुम्हारी तत्परता को मैं जानता हूँ और उसके लिये मकिदुनिया निवासियों के सामने यह कहते हुए मुझे गर्व है कि अखाया के लोग तो, पिछले साल से ही तैयार हैं और तुम्हारे उत्साह ने उन में से अधिकतर को कार्य के लिये प्रेरणा दी है।
misi autem fratres ut ne quod gloriamur de vobis evacuetur in hac parte ut quemadmodum dixi parati sitis
किन्तु मैं भाइयों को तुम्हारे पास इसलिए भेज रहा हूँ कि तुम को लेकर हम जो गर्व करते हैं, वह इस बारे में व्यर्थ सिद्ध न हो। और इसलिए भी कि तुम तैयार रहो, जैसा कि मैं कहता आया हूँ।
ne cum venerint mecum Macedones et invenerint vos inparatos erubescamus nos ut non dicamus vos in hac substantia
नहीं तो जब कोई मकिदुनिया वासी मेरे साथ तुम्हारे पास आयेगा और तुम्हें तैयार नहीं पायेगा तो हम उस विश्वास के कारण जिसे हमने तुम्हारे प्रति दर्शाया है, लज्जित होंगे। और तुम तो और भी अधिक लज्जित होगे।
necessarium ergo existimavi rogare fratres ut praeveniant ad vos et praeparent repromissam benedictionem hanc paratam esse sic quasi benedictionem non quasi avaritiam
इसलिए मैंने भाईयों से यह कहना आवश्यक समझा कि वे हमसे पहले ही तुम्हारे पास जायें और जिन उपहारों को देने का तुम पहले ही वचन दे चुके हो उन्हें पहले ही से उदारतापूर्वक तैयार रखें। इसलिए यह दान स्वेच्छापूर्वक तैयार रखा जाये न कि दबाव के साथ तुमसे छीनी गयी किसी वस्तु के रूप में।
hoc autem qui parce seminat parce et metet et qui seminat in benedictionibus de benedictionibus et metet
इसे याद रखो: जो थोड़ा बोता है, वह थोड़ा ही काटेगा और जिस कि बुआई अधिक है, वह अधिक ही काटेगा।
unusquisque prout destinavit corde suo non ex tristitia aut ex necessitate hilarem enim datorem diligit Deus
हर कोई बिना किसी कष्ट के या बिना किसी दबाव के, उतना ही दे जितना उसने मन में सोचा है। क्योंकि परमेश्वर प्रसन्न-दाता से ही प्रेम करता है।
potens est autem Deus omnem gratiam abundare facere in vobis ut in omnibus semper omnem sufficientiam habentes abundetis in omne opus bonum
और परमेश्वर तुम पर हर प्रकार के उत्तम वरदानों की वर्षा कर सकता है जिससे तुम अपनी आवश्यकता की सभी वस्तुओं में सदा प्रसन्न हो सकते हो और सभी अच्छे कार्यों के लिये फिर तुम्हारे पास आवश्यकता से भी अधिक रहेगा।
sicut scriptum est dispersit dedit pauperibus iustitia eius manet in aeternum
जैसा कि शास्त्र में लिखा है: “वह मुक्त भाव से दीन जनों को देता है, और उसकी चिरउदारता सदा-सदा को बनी रहती है।” भजन संहिता 112:9
qui autem administrat semen seminanti et panem ad manducandum praestabit et multiplicabit semen vestrum et augebit incrementa frugum iustitiae vestrae
वह परमेश्वर ही बोने वाले को बीज और खाने वाले को भोजन सुलभ कराता है। वहाँ तुम्हें बीज देगा और उसकी बढ़वार करेगा, उसी से तुम्हारे धर्म की खेती फूलेगी फलेगी।
ut in omnibus locupletati abundetis in omnem simplicitatem quae operatur per nos gratiarum actionem Deo
तुम हर प्रकार से सम्पन्न बनाये जाओगे ताकि तुम हर अवसर पर उदार बन सको। तुम्हारी उदारता परमेश्वर के प्रति लोगों के धन्यवाद को पैदा करेगी।
quoniam ministerium huius officii non solum supplet ea quae desunt sanctis sed etiam abundat per multas gratiarum actiones in Domino
दान की इस पवित्र सेवा से न केवल पवित्र लोगों की आवश्यकताएँ पूरी होती हैं बल्कि परमेश्वर के प्रति अत्यधिक धन्यवाद का भाव भी उपजता है।
per probationem ministerii huius glorificantes Deum in oboedientia confessionis vestrae in evangelium Christi et simplicitate communicationis in illos et in omnes
क्योंकि तुम्हारी इस सेवा से जो प्रमाण प्रकट होता है, उससे संत जन परमेश्वर की स्तुति करेंगे। क्योंकि यीशु मसीह के सुसमाचार में तुम्हारे विश्वास की घोषणा से उत्पन्न हुई तुम्हारी आज्ञाकारिता के कारण और अपनी उदारता के कारण उनके लिये तथा दूसरे सभी लोगों के लिये तुम दान देते हो।
et ipsorum obsecratione pro vobis desiderantium vos propter eminentem gratiam Dei in vobis
और वे भी तुम्हारे लिए प्रार्थना करते हुए तुमसे मिलने की तीव्र इच्छा करेंगे। तुम पर परमेश्वर के असीम अनुग्रह के कारण
gratias Deo super inenarrabili dono eius
उस वरदान के लिये जिसका बखान नहीं किया जा सकता, परमेश्वर का धन्यवाद है।