Monda pedig Jákób: Ne úgy, kérlek, hanem ha kedvet találtam szemeid előtt, fogadd el ajándékomat az én kezemből; mert a te orczádat úgy néztem, mintha az Isten orczáját látnám, és te kegyesen fogadál engem.
याकूब ने कहा, “नहीं! मैं तुमसे विनती करता हूँ। यदि तुम सचमुच मुझे स्वीकार करते हो तो कृपया जो भेटें देता हूँ तुम स्वीकार करो। मैं तुमको दुबारा देख कर बहुत प्रसन्न हूँ। यह तो परमेश्वर को देखने जैसा है। मैं यह देखकर बहुत प्रसन्न हूँ कि तुमने मुझे स्वीकार किया है।