सर्वशक्तिमान यहोवा कहता है, “शोक मनाने और उपवास के विशेष दिन चौथे महीने, पाँचवें महीने, सातवें महीने और दसवें महीने में हैं। वे शोक के दिन प्रसन्नता के दिन में बदल जाने चाहिये। वे अच्छे और प्रसन्ननता के दिन में बदल जाने चाहिये। वो अच्छे और प्रसन्ननता के पवित्र दिन होंगे और तम्हें सत्य और शान्ति से प्रेम करना चाहिये!”
Ainsi parle l'Eternel des armées: Le jeûne du quatrième mois, le jeûne du cinquième, le jeûne du septième et le jeûne du dixième se changeront pour la maison de Juda en jours d'allégresse et de joie, en fêtes de réjouissance. Mais aimez la vérité et la paix.