Ezekiel 4

“मनुष्य के पुत्र, एक ईंट लो। इस पर एक चित्र खींचो। एक नगर का, अर्थात यरूशलेम का एक चित्र बनाओ।
Et toi, fils de l'homme, prends une brique, place-la devant toi, et tu y traceras une ville, Jérusalem.
और तब उस प्रकार कार्य करो मानो तुम उस नगर का घेरा डाले हुए सेना हो। नगर के चारों ओर एक मिट्टी की दीवार इस पर आक्रमण करने में सहायता के लिये बनाओ। नगर की दीवार तक पहुँचने वाली एक कच्ची सड़क बनाओ। तोड़ फोड़ करने वाले लट्ठे लाओ और नगर के चारों ओर सैनिक डेरे खड़े करो
Représente-la en état de siège, forme des retranchements, élève contre elle des terrasses, environne-la d'un camp, dresse contre elle des béliers tout autour.
और तब तुम एक लोहे की कड़ाही लो और इसे अपने और नगर के बीच रखो। यह एक लोहे की दीवार की तरह होगी, जो तुम्हें और नगर को अलग करेगी। इस प्रकार तुम यह प्रदर्शित करोगे कि तुम उस नगर के विरुद्ध हो। तुम उस नगर को घेरोगे और उस पर आक्रमण करोगे। क्यों क्योंकि यह इस्राएल के परिवार के लिये एक उदाहरण होगा। यह प्रदर्शित करेगा कि मैं (परमेश्वर) यरूशलेम को नष्ट करुँगा।
Prends une poêle de fer, et mets-la comme un mur de fer entre toi et la ville; dirige ta face contre elle, et elle sera assiégée, et tu l'assiégeras. Que ce soit là un signe pour la maison d'Israël!
“तब तुम्हें अपने बायीं करवट लेटना चाहिए। तुम्हें वह करना चाहिए जो प्रदर्शित करे कि तुम इस्राएल के लोगों के पापों को अपने ऊपर ले रहे हो। तुम उस पाप को उतने ही दिनों तक ढोओगे जितने दिन तक तुम अपनी बायीं करवट लेटोगे।
Puis couche-toi sur le côté gauche, mets-y l'iniquité de la maison d'Israël, et tu porteras leur iniquité autant de jours que tu seras couché sur ce côté.
तुम इस तरह इस्राएल के पाप को तीन सौ नब्बे दिनो तक सहोगे। इस प्रकार मैं तुम्हें बता रहा हूँ कि इस्राएल, एक दिन एक वर्ष के बराबर के, कितने लम्बे समय तक दण्डित होगा।”
Je te compterai un nombre de jours égal à celui des années de leur iniquité, trois cent quatre-vingt-dix jours; tu porteras ainsi l'iniquité de la maison d'Israël.
“उस समय के बाद तुम अपनी दायीं करवट चालीस दिन तक लेटोगे। इस समय यहूदा के पापों को चालीस दिन तक सहन करोगे। एक दिन एक वर्ष का होगा। मैं तुम्हें बता रहा हूँ कि यहूदा कितने लम्बे समय के लिये दण्डित होगा।”
Quand tu auras achevé ces jours, couche-toi sur le côté droit, et tu porteras l'iniquité de la maison de Juda pendant quarante jours; je t'impose un jour pour chaque année.
परमेश्वर फिर बोला। उसने कहा, “अब, अपनी आस्तीनों को मोड़ लो और अपने हाथों को ईंट के ऊपर उठाओ। ऐसा दिखाओ मानो तुम यरूशलेम नगर पर आक्रमण कर रहे हो। इसे यह दिखाने के लिये करो कि तुम मेरे नबी के रूप में लोगों से बातें कर रहे हो।
Tu tourneras ta face et ton bras nu vers Jérusalem assiégée, et tu prophétiseras contre elle.
इस पर ध्यान रखो, मैं तुम्हें रस्सियों से बाँध रहा हूँ। तुम तब तक बगल से दूसरी बगल करवट नहीं ले सकते जब तक तुम्हारा नगर पर आक्रमण समाप्त नहीं होता।”
Et voici, je mettrai des cordes sur toi, afin que tu ne puisses pas te tourner d'un côté sur l'autre, jusqu'à ce que tu aies accompli les jours de ton siège.
परमेश्वर ने यह भी कहा, “तुम्हें होटी बनाने के लिये कुछ अन्न लाना चाहिए। कुछ गेहूँ, जौ, सेम, मसूर, तिल, बाजरा और कठिया गेहूँ लाओ। इस सभी को एक कटोरे में मिलाओ और उन्हें पीसकर आटा बनाओ। तुम्हें इस आटे का उपयोग रोटी बनाने के लिये करना होगा। तुम केवल इसी रोटी को तीन सौ नब्बे दिनों तक अपनी बगल के सहारे लेटे हुये खाओगे।
Prends du froment, de l'orge, des fèves, des lentilles, du millet et de l'épeautre, mets-les dans un vase, et fais-en du pain autant de jours que tu seras couché sur le côté; tu en mangeras pendant trois cent quatre-vingt-dix jours.
तुम्हें केवल एक प्याला वह आटा रोटी बनाने के लिये प्रतिदिन उपयोग करना होगा। तुम उस रोटी को पूरे दिन में समय समय पर खाओगे।
La nourriture que tu mangeras sera du poids de vingt sicles par jour; tu en mangeras de temps à autre.
और तुम केवल तीन प्याले पानी प्रतिदिन पी सकते हो।
L'eau que tu boiras aura la mesure d'un sixième de hin; tu boiras de temps à autre.
तुम्हें प्रतिदिन अपनी रोटी बनानी चाहिए। तुम्हें आदमी का सूखा मल लाकर उसे जलाना चाहिए। तब तुम्हें उस जलते मल पर अपनी रोटी पकानी चाहिए। तुम्हें इस रोटी को लोगों के सामने खाना चाहिए।”
Tu mangeras des gâteaux d'orge, que tu feras cuire en leur présence avec des excréments humains.
तब यहोवा ने कहा, “यह प्रदर्शित करेगा कि इस्राएल का परिवार विदेशों में अपवित्र रोटियाँ खाएगा और मैंने उन्हें इस्राएल को छोड़ने और उन देशों में जाने को विवश किया था!”
Et l'Eternel dit: C'est ainsi que les enfants d'Israël mangeront leur pain souillé, parmi les nations vers lesquelles je les chasserai.
तब मैंने (यहेजकेल) आश्चर्य से कहा, “किन्तु मेरे स्वामी यहोवा, मैंने अपवित्र भोजन कभी नहीं खाया। मैंने कभी उस जानवर का माँस नहीं खाया, जो किसी रोग से मरा हो या जिसे जंगली जानवर ने मार डाला हो। मैंने बाल्यावस्था से लेकर अब तक कभी अपवित्र माँस नहीं खाया है। मेरे मुँह में कोई भी वैसा बुरा माँस कभी नहीं गया है।”
Je dis: Ah! Seigneur Eternel, voici, mon âme n'a point été souillée; depuis ma jeunesse jusqu'à présent, je n'ai pas mangé d'une bête morte ou déchirée, et aucune chair impure n'est entrée dans ma bouche.
तब परमेश्वर ने मुझसे कहा, “ठीक है! मैं तुम्हें रोटी पकाने के लिये गाय का सूखा गोबर उपयोग में लाने दूँगा। तुम्हें आदमी के सूखे मल का उपयोग नहीं करना होगा।”
Il me répondit: Voici, je te donne des excréments de boeuf au lieu d'excréments humains, et tu feras ton pain dessus.
तब परमेश्वर ने मुझसे कहा, “मनुष्य के पुत्र, मैं यरूशलेम की रोटी की आपूर्ति को नष्ट कर रहा हूँ। लोगों के पास खाने के लिये रोटियाँ नहीं के बराबर होंगी। वे अपनी भोजन—आपूर्ति के लिये बहुत परेशान होंगे और उनके लिये पीने का पानी नहीं के बराबर है। वे उस पानी को पीते समय बहुत भयभीत रहेंगे।
Il me dit encore: Fils de l'homme, je vais briser le bâton du pain à Jérusalem; ils mangeront du pain au poids et avec angoisse, et ils boiront de l'eau à la mesure et avec épouvante.
क्यों क्योंकि लोगों के लिये पर्याप्त भोजन और पानी नहीं होगा। लोग एक दूसरे को देखकर भयभीत होंगे क्योंकि वे अपने पापों के कारण एक दूसरे को नष्ट होता हुआ देखेंगे।”
Ils manqueront de pain et d'eau, ils seront stupéfaits les uns et les autres, et frappés de langueur pour leur iniquité.