II Chronicles 27

योताम पच्चीस वर्ष का था जब वह राजा हुआ। उसने सोलह वर्ष तक यरूशलेम में शासन किया। उसकी माँ का नाम यरूशा था। यरूशा सादोक की पुत्री थी।
Jotham avait vingt-cinq ans lorsqu'il devint roi, et il régna seize ans à Jérusalem. Sa mère s'appelait Jeruscha, fille de Tsadok.
योताम ने वह किया, जो यहोवा उससे करवाना चाहता था। उसने परमेश्वर की आज्ञा का पालन वैसे ही किया जैसे उसके पिता उज्जिय्याह ने किया था। किन्तु योताम यहोवा के मन्दिर में सुगन्धि जलाने के लिये उसी प्रकार नहीं घुसा जैसे उसका पिता घुसा था। किन्तु लोगों ने पाप करना जारी रखा।
Il fit ce qui est droit aux yeux de l'Eternel, entièrement comme avait fait Ozias, son père. Seulement, il n'entra point dans le temple de l'Eternel. Toutefois, le peuple se corrompait encore.
योताम ने यहोवा के मन्दिर के ऊपरी द्वार को दुबारा बनाया। उसने ओपेल नामक स्थान में दीवार पर बहुत से निर्माण कार्य किये।
Jotham bâtit la porte supérieure de la maison de l'Eternel, et il fit beaucoup de constructions sur les murs de la colline.
योताम ने यहूदा के पहाड़ी प्रदेश में भी नगर बनाए। योताम ने मीनार और किले जंगलों में बनाए।
Il bâtit des villes dans la montagne de Juda, et des châteaux et des tours dans les bois.
योताम अम्मोनी लोगों के राजा और उसके सेना के विरुद्ध लड़ा और उन्हें हराया। इसलिये हर वर्ष तीन वर्ष तक अम्मोनी लोग योताम को पौने चार टन चाँदी, बासठ हज़ार बुशल गेहूँ और बासठ बुशल जौ देते रहे।
Il fut en guerre avec le roi des fils d'Ammon, et il l'emporta sur eux. Les fils d'Ammon lui donnèrent cette année-là cent talents d'argent, dix mille cors de froment, et dix mille d'orge; et ils lui en payèrent autant la seconde année et la troisième.
योताम शक्तिशाली हो गया क्योंकि उसने विश्वासपूर्वक यहोवा, अपने परमेश्वर की आज्ञा का पालन किया।
Jotham devint puissant, parce qu'il affermit ses voies devant l'Eternel, son Dieu.
योताम ने अन्य जो कुछ भी किया तथा उसके सभी युद्ध *यहूदा और इस्राएल के राजाओं के इतिहास* की पुस्तक में लिखे गए हैं।
Le reste des actions de Jotham, toutes ses guerres, et tout ce qu'il a fait, cela est écrit dans le livre des rois d'Israël et de Juda.
योताम जब राजा हुआ था, पच्चीस वर्ष का था। उसने यरूशलेम पर सोलह वर्ष शासन किया।
Il avait vingt-cinq ans lorsqu'il devint roi, et il régna seize ans à Jérusalem.
तब योताम मरा और अपने पूर्वजों के साथ दफनाया गया। लोगों ने उसे दाऊद के नगर में दफनाया। योताम के स्थान पर आहाज राजा हुआ। आहाज योताम का पुत्र था।
Jotham se coucha avec ses pères, et on l'enterra dans la ville de David. Et Achaz, son fils, régna à sa place.