Jozef pak nemoha se déle zdržeti, přede všemi přístojícími zvolal: Kažte všechněm ven! I nezůstal žádný s nimi, když se známil Jozef s bratřími svými.
यूसुफ अपने को और अधिक न संभाल सका। वह वहाँ उपस्थित सभी लोगों के सामने हो पड़ा। यूसुफ ने कहा, “हर एक से कहो कि यहाँ से हट जाए।” इसलिए सभी लोग चले गये। केवल उसके भाई ही यूसुफ के साथ रह गए। तब यूसुफ ने उन्हें बताया कि वह कौन है।
I řekl Jozef bratřím svým: Já jsem Jozef. Ještě-li jest živ otec můj? A nemohli mu odpovědíti bratří jeho; nebo se ho velmi ulekli.
यूसुफ ने अपने भाईयों से कहा, “मैं आप लोगों का भाई यूसुफ हूँ। क्या मेरे पिता सकुशल हैं?” किन्तु भाईयों ने उसको उत्तर नहीं दिया। वे डरे हुए तथा उलझन में थे।
Tedy řekl Jozef bratřím svým: Přistuptež medle ke mně. I přistoupili. A řekl: Já jsem Jozef bratr váš, kteréhož jste prodali do Egypta.
इसलिए यूसुफ ने अपने भाईयों से फिर कहा, “मेरे पास आओ।” इसलिए यूसुफ के भाई निकट गए और यूसुफ ने उनसे कहा, “मैं आप लोगों का भाई यूसुफ हूँ। मैं वहीं हूँ जिसे मिस्रियों के हाथ आप लोगों ने दास के रूप में बेचा था।
Protož nyní nermuťte se, a neztěžujte sobě toho, že jste mne sem prodali; nebo pro zachování života vašeho poslal mne Bůh před vámi.
अब परेशान न हों। आप लोग अपने किए हुए के लिए स्वयं भी पश्चाताप न करें। वह तो मेरे लिए परमेश्वर की योजना थी कि मैं यहाँ आऊँ। मैं यहाँ तुम लोगों का जीवन बचाने के लिए आया हूँ।
Tak tedy ne vy jste mne poslali sem, ale Bůh, kterýž mne dal za otce Faraonovi, a za pána všemu domu jeho, a panovníka po vší zemi Egyptské.
यह आप लोगों का दोष नहीं था कि मैं यहाँ भेजा गया। वह परमेश्वर की योजना थी। परमेश्वर ने मुझे फ़िरौन के पिता सदृश बनाया। ताकि मैं उसके सारे घर और सारे मिस्र का शासक रहूँ।”
Pospěšte a vstupte k otci mému, a rcete jemu: Toto praví syn tvůj Jozef: Učinil mne Bůh pánem všeho Egypta; přijdiž ke mně, neprodlévej.
यूसुफ ने कहा, “इसलिए जल्दी मेरे पिता के पास जाओ। मेरे पिता से कहो कि उसके पुत्र यूसुफ ने यह सन्देश भेजा है: ‘परमेश्वर ने मुझे पूरे मिस्र का शासक बनाया है। मेरे पास आइये। प्रतीक्षा न करें। अभी आएँ।
A aj, oči vaše vidí, i oči bratra mého Beniamina, že ústa má mluví vám.
“यूसुफ अपने भाईयों से बात करता रहा। उसने कहा, “अब आप लोग देखते हैं कि यह सचमुच मैं ही हूँ, और आप लोगों का भाई बिन्यामीन जानता है कि यह मैं हूँ। मैं आप लोगों का भाई आप लोगों से बात कर रहा हूँ।
Povíte také otci mému o vší slávě mé v Egyptě, a což jste koli viděli; pospěštež tedy, a přiveďte otce mého sem.
इसलिए मेरे पिता से मेरी मिस्र की अत्याधिक सम्पत्ति के बारे में कहें। आप लोगों ने जो यहाँ देखा है उस हर एक चीज़ के बारे में मेरे पिता को बताएं। अब जल्दी करो और मेरे पिता को लेकर मेरे पास लौटो।”
A vezmouce otce svého a čeládky své, přiďte ke mně, a dám vám dobré místo v zemi Egyptské, a jísti budete tuk země této.
अपने भाईयों से कहो कि वे अपने पिता और अपने परिवारों को लेकर यहाँ मेरे पास आएं। मैं तुम्हें जीविका के लिए मिस्र में सबसे अच्छी भूमि दूँगा और तुम्हारा परिवार सबसे अच्छा भोजन करेगा जो हमारे पास यहाँ है।
Ty pak rozkaž jim: Toto učiňte: Vezměte sobě z země Egyptské vozy pro děti a ženy své, a vezměte otce svého, a přiďte.
तब फ़िरौन ने कहा, “हमारी सबसे अच्छी गाड़ियों में से कुछ अपने भाईयों को दो। उन्हें कनान जाने और गाड़ियों में अपने पिता, स्त्रियों और बच्चों को यहाँ लाने को कहो।
Všechněm jim dal, každému dvoje šaty; ale Beniaminovi dal tři sta stříbrných, a patery šaty jiné a jiné.
यूसुफ ने हर एक भाई को एक एक जोड़ा सुन्दर वस्त्र दिया। किन्तु यूसुफ ने बिन्यामीन को पाँच जोड़े सुन्दर वस्त्र दिए और यूसुफ ने बिन्यामीन को तीन सौ चाँदी के सिक्के भी दिए।
Otci pak svému poslal tyto věci: Deset oslů, kteříž nesli z nejlepších věcí Egyptských, a deset oslic, kteréž nesly obilí, a chléb a pokrmy otci jeho na cestu.
यूसुफ ने अपने पिता को भी भेंटें भेजीं। उसने मिस्र से बहुत सी अच्छी चीज़ों से भरी बोरियों से लदे दस गधों को भेजा और उसने अपने पिता के लिए अन्न, रोटी और अन्य भोजन से लदी हुई दस गदहियों को उनकी वापसी यात्रा के लिए भेजा।
Tedy vypravovali jemu všecka slova Jozefova, kteráž mluvil jim; a vida vozy, kteréž poslal Jozef pro něho, okřál duch Jákoba otce jejich.
किन्तु यूसुफ ने जो बातें कही थीं, भाईयों ने हर एक बात अपने पिता से कही। तब याकूब ने उन गाड़ियों को देखा जिन्हें यूसुफ ने उसे मिस्र की वापसी यात्रा के लिए भेजा था। तब याकूब भाबुक हो गया और अत्यन्त प्रसन्न हुआ।