أُحَلِّفُكُنَّ يَا بَنَاتِ أُورُشَلِيمَ بِالظِّبَاءِ وَبِأَيَائِلِ الْحَقْلِ، أَلاَّ تُيَقِّظْنَ وَلاَ تُنَبِّهْنَ الْحَبِيبَ حَتَّى يَشَاءَ.
यरूशलेम की कुमारियों, कुरंगों
और जंगली हिरणियों को साक्षी मान कर मुझको वचन दो,
प्रेम को मत जगाओ,
प्रेम को मत उकसाओ, जब तक मैं तैयार न हो जाऊँ।