ثُمَّ نَفَضْتُ حِجِْرِي وَقُلْتُ: «هكَذَا يَنْفُضُ اللهُ كُلَّ إِنْسَانٍ لاَ يُقِيمُ هذَا الْكَلاَمَ مِنْ بَيْتِهِ وَمِنْ تَعَبِهِ، وَهكَذَا يَكُونُ مَنْفُوضًا وَفَارِغًا». فَقَالَ كُلُّ الْجَمَاعَةِ: «آمِينَ». وَسَبَّحُوا الرَّبَّ. وَعَمِلَ الشَّعْبُ حَسَبَ هذَا الْكَلاَمِ.
इसके बाद मैंने अपने कपड़ों की सलवटें फाड़ते हुए कहा, “हर उस व्यक्ति के साथ, जो अपने वचन को नहीं निभायेगा, परमेश्वर तद्नुकूल करेगा। परमेश्वर उन्हें उनके घरों से उखाड़ देगा और उन्होंने जिन भी वस्तुओं के लिये काम किया है वे सभी उनके हाथ से जाती रहेंगी। वह व्यक्ति अपना सब कुछ खो बैठेगा!” मैंने जब इन बातों का कहना समाप्त किया तो सभी लोग इनसे सहमत हो गये। वे सभी बोले, “आमीन!” और फिर उन्होंने यहोवा की प्रशंसा की और इस प्रकार जैसा उन्होंने वचन दिया था, वैसा ही किया