لأُقِيمَ الْحَلْفَ الَّذِي حَلَفْتُ لآبَائِكُمْ أَنْ أُعْطِيَهُمْ أَرْضًا تَفِيضُ لَبَنًا وَعَسَلاً كَهذَا الْيَوْمِ». فَأَجَبْتُ وَقُلْتُ: «آمِينَ يَا رَبُّ».
“मैंने यह तुम्हारे पूर्वजों को दिये गये वचन को पूरा करने के लिये किया। मैंने उन्हें बहुत उपजाऊ भूमि देने की प्रतिज्ञा की, ऐसी भूमि जिसमें दूध और शहद की नदी बहती हो और आज तुम उस देश में रह रहे हो।” मैं (यिर्मयाह) ने उत्तर दिया, “यहोवा, आमीन।”