وَتَفْرَحُ أَمَامَ الرَّبِّ إِلهِكَ أَنْتَ وَابْنُكَ وَابْنَتُكَ وَعَبْدُكَ وَأَمَتُكَ وَاللاَّّوِيُّ الَّذِي فِي أَبْوَابِكَ، وَالْغَرِيبُ وَالْيَتِيمُ وَالأَرْمَلَةُ الَّذِينَ فِي وَسْطِكَ فِي الْمَكَانِ الَّذِي يَخْتَارُهُ الرَّبُّ إِلهُكَ لِيُحِلَّ اسْمَهُ فِيهِ.
उस स्थान पर जाओ जिसे यहोवा अपने विशेष निवास के रूप में चुनेगा। वहाँ तुम और तुम्हारे लोग, यहोवा अपने परमेश्वर के साथ आनन्द का समय बिताएंगे। अपने सभी लोगों, अपने पुत्रों, अपनी पुत्रियों और अपने सभी सेवकों को वहाँ ले जाओ और अपने नगर में रहने वाले लेवीवंशियों, विदेशियों, अनाथों और विधवाओं को भी साथ में ले जाओ।